Jabalpur: ब्लैक फंगस के 73 रोगी भर्ती, मेडिकल कॉलेज में इंजेक्शन का टोटा

Jabalpur Black Fungus News : मेडिकल कॉलेज जबलपुर (Medical College Jabalpur) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 73 रोगियों का र्वतमान समय में इलाज चल रहा है। लेकिन विगत 5 दिनों से ब्लैक फंगस में लगने वाले लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का पूर्ण रूपेण टोटा है। ऐसे में रोगियों के परिजन परेशान है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य में हो रहा सुधार कहीं फिर से समस्या पैदा न कर दे। घबराए परिजन कॉलेज के डीन से मुलाकात करते हुए इंजेक्शन के लिए हंगाम किया। जिस डीन द्वारा भरोषा जताया गया कि दवा कंपनी बहुत जल्दी इंजेक्शन भेजने वाली है। वहीं पता चलता है कि बुधवार देर शाम 472 इंजेक्शन पहुंच गये है। जिसके बाद रोगियों के परिजनों ने राहत की सांस ली।

Update: 2021-07-29 10:38 GMT

Jabalpur / जबलपुर। मेडिकल कॉलेज जबलपुर (Medical College Jabalpur) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 73 रोगियों का र्वतमान समय में इलाज चल रहा है। लेकिन विगत 5 दिनों से ब्लैक फंगस में लगने वाले लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का पूर्ण रूपेण टोटा है। ऐसे में रोगियों के परिजन परेशान है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य में हो रहा सुधार कहीं फिर से समस्या पैदा न कर दे। घबराए परिजन कॉलेज के डीन से मुलाकात करते हुए इंजेक्शन के लिए हंगाम किया। जिस डीन द्वारा भरोषा जताया गया कि दवा कंपनी बहुत जल्दी इंजेक्शन भेजने वाली है। वहीं पता चलता है कि बुधवार देर शाम 472 इंजेक्शन पहुंच गये है। जिसके बाद रोगियों के परिजनों ने राहत की सांस ली।

सरकार ने बदल दी व्यवस्था

जानकारी के अनुसार ब्लैक फंगस में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की सप्लाई प्रदेश सरकार द्वारा की जाती थी। लेकिन हाल के दिनों में सरकार ने नियम बदलते हुए मेडिकल कॉलेजों अस्पतालों को सीधे कम्पनी से खरीदने का आदेश दे दिया। 

दो बार कॉलेज ने लिखा पत्र

इंजेक्शन की कमी को देखते हुए जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने 17 जुलाई को सम्बंधित कम्पनी को 2 हजार डोड का आर्डर दिया था। लेकिन सम्बंधित कम्पनी इंजेक्शन की सप्लाई देने में नाकाम रही। मेडिकल कॉलेज द्वारा इसके लिए दोबार पत्र जारी कर इजेक्शन उपलब्ध करवाने की बात कही। 

परिजन हुए परेशान

मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस कई रोगियों का आपरेशन किया जा चुका है। ऐसे में रोगियों के स्वास्थ्य में बेहतर सुधार देखने को मिल रहा था लेकिन इंजेक्शन और दवा की कमी से डाक्टर परेशान हो उठे। मरीज के परिजनो का कहना है कि समय पर इंजेक्शन न मिलने से रोगियों के इलाज में समस्या हो सकती थी।

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