Good News: अब क्रेडिट कार्ड से बढ़ेगी ई-मैंडेट पेमेंट की लिमिट, अब खत्म होगा OTP का झंझट 15 हजार तक के पेमेंट पर
Credit Card Recurring Payment Limit: फ्रेमवर्क के अंतर्गत इस समय 3400 इंटरनेशनल मर्चेंट सहित घरेलू मर्चेंट के लिए 6.25 करोड़ मैंडेट रजिस्टर हुए हैं।
Credit Card Recurring Payment Limit: अब क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से ई-मैंडेट पेमेंट (e-Mandate payment) के माध्यम से पांच हजार से अधिक के रेगुलर पेमेंट के लिए हर भुगतान पर ओटीपी या अन्य एडीशनल फैक्टर ऑफ़ ऑथेंटिकेशन (AFA) की आवश्यकता नहीं होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) की तरफ से कार्ड से ई मैंडेट की लिमिट ₹5000 से बढ़ाकर ₹15000 करने का प्रस्ताव रखा गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
नहीं होगी OTP की जरूरत
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जल्द ही एक नियमित अंतराल पर क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ₹15000 तक के इंश्योरेंस प्रीमियम एजुकेशन फीस सब्सक्रिप्शन (Insurance Premium Education Fee Subscription) जैसे बड़े पेमेंट करने के लिए अब बार-बार ओटीपी के ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी। अभी आपको बता दें कि अभी ये सीमा है ₹5000।
स्टेक होल्डर्स की तरफ से लिमिट बढ़ाने की रिक्वेस्ट की गई थी
आरबीआई (RBI) की तरफ से जारी की गई उसकी द्विमासिक स्टेटमेंट ऑन डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज में ये जानकारी दी गई कि फ्रेमवर्क के अंतर्गत लिमिट बढ़ाने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स की तरफ से अनुरोध किया गया था, जिस पर रिकरिंग पेमेंट लिमिट को बढ़ाने का एक प्रस्ताव रखा गया है। ऐसा होने से बड़े पेमेंट के भुगतान में काफी सुविधा हो जाएगी। आरबीआई की तरफ से दी जा रही जानकारी के अनुसार इस फ्रेमवर्क के अंतर्गत इस समय 3400 इंटरनेशनल मर्चेंट सहित घरेलू मर्चेंट के लिए 6.25 करोड़ मैंडेट रजिस्टर हुए हैं।
एक्सपर्ट्स ने किया फैसले का समर्थन
विशेषज्ञों का यह मानना है कि अगर कार्ड रिकरिंग पेमेंट के ई मैंडेट की लिमिट बढ़ जाएगी तो ग्राहकों को बहुत फायदा होगा क्योंकि अभी लिमिट ₹5000 ही है, जिसके चलते इंश्योरेंस प्रीमियम (Insurance premium) जैसे बड़े भुगतान करने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर लिमिट ₹15000 हो जाएगी तो सब्सक्राइबर्स के लिए बहुत आसानी होगी, इसके साथ-साथ क्रेडिट कार्ड कंपनियों के लिए भी यह फायदेमंद हो जाएगा क्योंकि ट्रांजैक्शन बढ़ा दिया जाएगा जिससे इकोनामी को भी फायदा पहुंचेगा।