भारत के स्टूडेंट्स MBBS की पढ़ाई करने यूक्रेन क्यों जाते हैं, वजह घुमाऊ है: Student News
Ukraine MBBS का हब माना जाता है.
इन दिनों रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे महायुद्ध (Russia and Ukraine War) में भारत के कई नागरिक यूक्रेन (Ukraine) में फंसे हुए हैं। साथ ही भारत से यूक्रेन में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने गए छात्र भी फंसे हुए हैं। ऐसे में भारत सरकार (Indian Government) उन्हें वापस लाने हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई है। लेकिन इन सब बातों के बीच एक प्रश्न यह उठता है कि आखिर एमबीबीएस की पढ़ाई करने भारत के छात्र यूक्रेन क्यों जाते हैं। सवाल उठता है कि क्या भारत से बेहतर एमबीबीएस की पढ़ाई यूक्रेन में होती है। अगर इन सवालों के जवाब ढूंढने जाए तो पता चलता है कि इसका एक कारण नहीं है। कई कारण होने की वजह से भारत के छात्र यूक्रेन में जाकर एमबीबीएस करते हैं।
है कई कारण
यूक्रेन में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने के लिए जाने वाले भारत के छात्रों के सामने कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका हल वह स्वयं निकालते हुए यूक्रेन का रुख करते हैं। सबसे बड़ी समस्या एमबीबीएस में एडमिशन के लिए है। नीट जैसे एग्जाम क्लियर करने के बाद भी भारत में रैंक नहीं बन पाती और एडमिशन नहीं मिलता। वहीं भारत में एमबीबीएस की फीस भी ज्यादा है। इन्हीं सब कारणों की वजह से छात्र यूक्रेन का रुख करते हैं।
फीस है कम
जानकारी के अनुसार भारत की तुलना में यूक्रेन मैं मेडिकल कोर्स की फीस बहुत कम है। एक और जहां भारत में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 60 लाख रुपए लग जाते हैं तो वही यूक्रेन में मात्र 30 लाख रुपए में एमबीबीएस की पढ़ाई हो जाती है।
सरलता से होता है एडमिशन
एमबीबीएस में एडमिशन के लिए जहां भारत में मेरिट का इंतजार करना होता है। वही बात अगर यूक्रेन की करें तो वहां नेट क्लियर कर लेने वाले छात्रो को एमबीबीएस में एडमिशन मिल जाता है। रैंक की गिनती नहीं की जाती। इन सब कारणों से छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं।
अच्छे कॉलेजों में मिल जाता है एडमिशन
साथ ही बताया गया है कि एमबीबीएस करने के लिए छात्रों को यूक्रेन में अच्छे कॉलेज मिल जाते हैं। वहां फीस भी ज्यादा नहीं है । इसके विपरीत भारत में नीट का एग्जाम पास करने के बाद अच्छे रैंक नहीं आते हैं तो एडमिशन नहीं मिल पाता वही कई प्रतिभावान छात्रों को भटकना पड़ता है।