International Affairs: चीन के डेबिट ट्रैप में फंसा युगांडा, चुकानी पड़ी भारी कीमत
जानिए कैसे चाइना के डेबिट ट्रैप में फंसा युगांडा
चीन की तरफ से फेके गए डेबिट ट्रैप में युगांड़ा बुरी तरह फंस चुका है. युगांड़ा को इसका बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। एक समाचार एजेंसी की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार युगांडा सरकार अपना कर्ज चुकाने में विफल रही थी जिस कारण उसे अपना प्रमुख हवाई अड्डा चीन को देना पड़ा। एक रिपोर्ट के हवाले यह कहा गया है कि युगांडा की सरकार चीन के साथ हुए एक लोन समझौते को पूरा नहीं कर सकी है। इस एग्रीमेंट के दौरान एक शर्त राखी गई थी जिसके अंतर्गत युगांडा को अपना इकलौता हवाई अड्डा चीन के साथ अटैच करना पड़ेगा।
युगांडा की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल चीन गया था
इस रिपोर्ट के अनुसार, चीनी ऋणदाताओं की तरफ से ऋण मध्यस्थता को अपने हाथ में लिए जाने पर सहमति की गई थी। इस मध्यस्थता के फलस्वरूप चीन ने एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और युगांडा की दूसरी संपत्तियों की कुर्की की है। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने तमाम कोशिशे की एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बचाने की लेकिन सब की सब बेकार साबित हुईं। इतना ही नहीं युगांडा के राष्ट्रपति ने अपना प्रतिनिधिमंडल चाइना के बीजिंग भी भेजा था। रिपोर्ट के अनुसार यह उम्मीद जताई जा रही थी कि कर्ज से संबंधित शर्तों पर पुनः विचार विमर्श किया जा सके, लेकिन सब बेकार रहा।
साल 2015 का है ये मामला
आपको बता दे कि जब प्रतिनिधिमण्डल बीजिंग पहुचा तब चीन के अधिकारियों इस बात से इनकार कर दिया कि की मूल शर्तों में किसी भी प्रकार का बदलाव करने की अनुमति मिलेगी। ज्ञात हो कि 17 नवंबर 2015 को युगांडा सरकार द्वारा कर्ज के लिए Exim Bank के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। युगांडा को चीन ने कर्ज कुछ शर्तों के आधार पर दिया था। युगांडा अपना कर्ज चुका नहीं पाया जिसके कारण उसे चीन को अपना एकमात्र हवाई अड्डा सुपुर्द करना पड़ा।
युगांडा नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (UCAA) की ओर से जारी किया गया बयान
UCAA ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा कि दोनों देशों के मध्य हुए समझौते में युगांडा के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे एंटेबे को प्रविधान के तहत चीन के हवाले किया जाना था। युगांडा की सरकार ने चीन से बातचीत करने की बहुत कोशिश की परंतु चीन ने सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। इस तरह से युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी का प्रशासन भी बहुत से सवालों से घिर चुका है।