गंगाजल के इस उपाय से दूर हो जाएंगी सारी समस्याएं, होगी माता लक्ष्मी की कृपा

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी कहा जाता है।

Update: 2022-05-09 10:24 GMT

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी कहा जाता है। कहा गया है कि इस दिन माता गंगा स्वर्ग से पृथ्वी लोक पर आई थी। यह बहुत ही शुभ है और पुण्य का दिन है। इस दिन अगर कोई माता गंगा की पूजा करता है तो उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जीवन में माता गंगा का बहुत बड़ा महत्व है। हर पूजा-पाठ में गंगा जल का उपयोग किया जाता है। इस बार गंगा जयंती 8 मई को थी।

आर्थिक स्थिति सुधार करने

अगर आप की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है सुधार चाहते हैं तो चांदी के पात्र में गंगाजल भरकर उत्तर दिशा में रखें। सिर्फ इतना करने से आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी। जिस स्थान पर गंगाजल रख रहे हैं वह स्थान उत्तर पूर्व का होना चाहिए। इससे धन की समस्या नहीं आती है।

घर में करें गंगाजल का छिड़काव

घर से वास्तु दोष दूर करने के लिए, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए हमें घर में नियमित तौर पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। इससे जहां वास्तु दोष दूर होता है वही साथ में घर पवित्र हो जाने से माता लक्ष्मी और देवी देवताओं का वास होता है। जिससे किसी भी तरह की समस्या नहीं रहती। कुश के माध्यम से घर में गंगाजल का छिडकाव करना चाहिए।

ग्रह शांत करने के लिए

अगर आपके किसी भी ग्रह के कमजोर होने की जानकारी मिल रही है तो गंगा सप्तमी के दिन शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करें। ऐसा करने से कुंडली में व्याप्त सभी ग्रह शांत होते हैं। इसके अलावा कहा गया है शनिवार को एक लोटा जल में गंगा जल मिलाकर पीपल को चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव दूर होता है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए

गंगाजल के लिए मान्यता है कि इसे कई वर्षों तक रखा जाए इसके बाद भी खराब नहीं होता। गंगाजल में कभी भी कीडे नही पड़ते है। ऐसे में कहा जाता है कि अगर प्रतिदिन गंगाजल का थोड़ा मात्रा में सेवन किया जाए तो लंबी आयु और काया पवित्र होती है। मृत्यु उपरांत वह जीव स्वर्ग को प्राप्त करता है। शरीर के कई तरह के रोग गंगा जल की सेवन मात्र से दूर हो जाते हैं।

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