Holi Bhai Dooj 2024: होली भाई दूज शुभ मुहूर्त, महत्व एवं अन्य जानकारियों के बारे में जानिए
Holi Bhai Dooj 2024: होली भाई दूज पर्व 20 मार्च को के दिन मनाया जाएगा।
Holi Bhai Dooj Muhurat, Holi Bhai Dooj 2024, Holi Bhai Dooj Kab Hai, Holi Bhai Dooj Date, Holi Bhai Dooj 2024 Ka Shubh Muhurat: भारत त्योहारों का देश हैं। यहाँ एक त्यौहार गया नहीं कि दूसरा आ जाता है। और भारत के लोग सभी त्योहारों को बड़े चाओ से मनाते हैं। ऐसे में होली कल ही गई है की होली के बाद मनाया जाने वाला भाई दूज ने दस्तक दे दी है। बता दें कि भाई दूज का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। होली के बाद मनाया जाने वाले भाई दूज को होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2024) कहा जाता है। आइये जानते हैं होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2024) इस साल कब मनाये जाएगी, तिलक विधि एवं इससे जुडी अन्य जानकारियां..
Holi Bhaidooj 2024: होली भाई दूज त्यौहार
जानकरी के मुताबिक चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Bhai Dooj 2024) का त्यौहार मनाया जाता है। भाई दूज (Bhai Dooj) साल में दो बार मनाया जाता है, एक होली के बाद और दूसरा दीपावली के बाद। होली के बाद मनाए जाने वाले इस भाई दूज को होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj) के नाम से जाना जाता है।
बता दें की होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj) पर भी बहनें भाई को संकटों से बचाने और उसकी दीर्घायु के लिए व्रत रखतीं हैं। अपने भाई को तिलक लगाने के बाद व्रत खोलती है। इस बार साल 2024 में होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2024 Date) का पर्व बुधवार (Wednesday) 27 मार्च को के दिन मनाया जाएगा।
Holi Bhai Dooj 2024: शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2024 के होली भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Holi Bhai Dooj 2024 Ka Shubh Muhurat) चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 मार्च मंगलवार को दोपहर 2:55 बजे से शुरू होगी और 27 मार्च बुधवार को शाम 5:06 बजे समाप्त होगी। जानकारी के मुताबिक उदया तिथि के हिसाब से होली भाई दूज 27 मार्च बुधवार को मनाया जाएगा।
होली भाई दूज का महत्व (Holi Bhai Dooj Ka Mahatv)
बहनें भाई दूज का पर्व अपने भाई की सलामती के लिए मानतीं हैं। यह दिन विशेष तौर पर भाई-बहन का दिन होता है। यह त्यौहार भाई-बहन के बीच संबन्ध को और मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के लिए व्रत रख उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं। इस दिन बहने विशेष तौर पर गणपति और नारायण की पूजा करती हैं। इसके बाद भाई को तिलक लगाने के बाद व्रत खोला जाता है। जिसके बाद भाई अपनी बहन को शगुन के तौर पर कोई उपहार देता है और साथ ही जीवन भर बहन का हर परिस्तिथियों में साथ निभाने एवं उसकी रक्षा करने का वचन देता है।