Hanuman Puja: मंगलवार को करें हनुमान जी की पूजा, दूर हो जाएंगे सभी कष्ट, जानें क्या है पूजा का महत्व

Hanuman Ji ki Puja Kaise karen? जो भी व्यक्ति मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा और उपासना करते है उन्हें बहुत जल्दी संकटों से मुक्ति मिलती है।

Update: 2022-09-14 09:00 GMT

Hanuman ji Puja Vrat: मंगलवार का दिन भगवान श्री हनुमान जी की उपासना के लिए बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। मंगलवार के दिन अगर भगवान श्री हनुमान जी की विधिवत पूजा और उपासना की जाए तो जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं। क्योंकि बजरंगबली का नाम संकट मोचन भी है। यह सभी तरह के कष्ट को काटते हैं। मंगलवार का व्रत करने वाले व्यक्ति का बल, साहस, पुरुषार्थ तथा सम्मान बढ़ता है।

क्यों खास है मंगलवार

Hanuman Ji Ki Puja Mangalwar Ko Kyun karte Hain: मंगलवार के दिन संकट मोचन श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। ऐसे में मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा और उपासना करते है उन्हें बहुत जल्दी संकटों से मुक्ति मिलती है।

साथ ही मंगलवार का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में मंगलवार मंगल ग्रह से संबंधित है। मंगलवार के दिन पूजा उपासना तथा भक्ति करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है। और मंगल ग्रह मजबूत करने के लिए भी हनुमान जी की पूजा आवश्यक है।

कैसे शुरू करें मंगलवार का व्रत

Mangalwar Ko Vrat Kaise Karen: मंगलवार का व्रत शुरू करने के लिए किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरू किया जा सकता है। मंगलवार का व्रत 21 या 45 मंगलवार को करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। व्रत शुरू करने के पहले संकल्प ले ले उन्हें कितने मंगलवार का व्रत करना है (Mangalwar Vrat)। संकल्प के अनुसार 21 या 45 मंगलवार का व्रत पूरा करें इसके पश्चात उद्यापन कर दें।

मंगलवार पूजन विधि

Mangalwar Puja Vidhi: जिस किसी को मंगलवार का व्रत करना है वह बताए गए पक्ष के पहले मंगलवार से शुरुआत करें। इसके लिए ईशान कोण में चौकी बिछाकर उसमें लाल कपड़ा दिखाएं और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। हनुमान जी की स्थापना के बाद व्रत का संकल्प लें। विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करें।

व्रत के दिन हनुमान जी की चौकी के सामने दीपक जलाकर सुंदरकांड हनुमान चालीसा का पाठ करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे और दिन भर व्रत रखें। शाम के समय आरती करने के पश्चात व्रत खोलें और प्रसाद ग्रहण करें। ऐसा नियमित हर मंगलवार को करना होगा।

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