एमपी के सीधी में संजय टाइगर रिजर्व की शान बढ़ाएंगे बायसन, 25 साल बाद एक बार फिर आएंगे नजर
MP News: मध्यप्रदेश के सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व में बायसन लाने की तैयारी है। पार्क में विलुप्त हो चुके बायसन को दोबारा यहां पर बसाने के लिए प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व में बायसन लाने की तैयारी है। पार्क में विलुप्त हो चुके बायसन को दोबारा यहां पर बसाने के लिए प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। 25 साल बाद इनका दीदार एक फिर पर्यटकों को हो सकेगा। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से भारतीय गौर यानी बायसन को एसटीआर भेजा जाएगा। यहां तकरीबन चार दर्जन से अधिक बायसन भेजने की तैयारी है।
संजय टाइगर रिजर्व में आएंगे 50 भारतीय गौर
सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को एक बार फिर भारतीय गौर यानी बायसन का दीदार हो सकेगा। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और कान्हा नेशनल पार्क से 50 बायसन भेजे जाने की तैयारी है। तकरीबन एक महीने के अंदर कान्हा टाइगर रिजर्व से 35 बायसन और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 15 बायसन सीधी भेजे जाएंगे। बायसन को भेजने के बाद पार्क में कुनबा बढ़ाने पर कार्य होगा। यहां एक नर बायसन के साथ तीन मादा बायसन को रखने की योजना है।
एमपी के एसटीआर में सबसे ज्यादा बायसन
मध्यप्रदेश की बात की जाए तो सबसे अधिक बायसन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में हैं। यहां तकरीबन 5 हजार बायसन मौजूद हैं। एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति के मुताबिक यहां 5 हजार बायसन हैं। जहां से पहली बार 15 बायसन को संजय टाइगर रिजर्व सीधी भेजा जाएगा। सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में बायसन के अनुकूल पार्क का जंगल, समतल मैदान, बड़े-बड़े चारागाह हैं। घास के मैदान के साथ बारहमासी नदियां बायसन को रास आएंगी।
1998 के बाद से नहीं देखे गए बायसन
संजय टाइगर रिजर्व में 25 वर्ष बाद बायसन का दीदार हो सकेगा। यहां वर्ष 1998 से बायसन नहीं देखे गए। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और कान्हा टाइगर रिजर्व के बायसन यहां की शोभा बढ़ाएंगे। संजय दुबरी टाइगर रिजर्व में भारतीय गौर की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए एक बार फिर बायसन को लाने की तैयारी है। जंगली मवेशियों के बीच सबसे बड़ी प्रजाति भारतीय बायसन को गौर भी कहा जाता है। यह काफी मोटे और बड़े होते हैं। जो मध्यप्रदेश के जंगलों में रहते हैं। यह जंगली भैंस की तरह होते हैं और हमेशा झुंड में रहते हैं। यह इतने ताकतवर होते हैं कि जंगल के खूंखार जानवर बाघ, तेंदुआ को भी कभी-कभी घेर लेते हैं। बायसन का शिकार अक्सर टाइगर, तेंदुआ और शेर किया करते हैं।