SATNA : अयोध्या की तरह चित्रकूट में बने भव्य श्रीराम मंदिर: नारायण

सतना। विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ जी के यहां हुआ जरूर था किंतु कर्मप्रधान युग में व्यक्ति की पूजा नहीं बल्कि उसके कर्म की पूजा होती आई है। भगवान श्रीराम जन्मे तो अयोध्या में लेकिन चित्रकूट ही उनकी कर्मस्थली के साथ साथ तपोभूमि बनी जहां भगवान ने 14 वर्ष के वनवास काल का 12 वर्ष का समय इस पावन भूमि में बिताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान भगवान ने तमाम आसुरी शक्तियो, पापियों, दुराचारियों का विनाश कर धर्म की रक्षा करते हुए हम सभी के लिए मर्यादा की स्थापना की।

Update: 2021-07-14 00:08 GMT

सतना। विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ जी के यहां हुआ जरूर था किंतु कर्मप्रधान युग में व्यक्ति की पूजा नहीं बल्कि उसके कर्म की पूजा होती आई है। भगवान श्रीराम जन्मे तो अयोध्या में लेकिन चित्रकूट ही उनकी कर्मस्थली के साथ साथ तपोभूमि बनी जहां भगवान ने 14 वर्ष के वनवास काल का 12 वर्ष का समय इस पावन भूमि में बिताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान भगवान ने तमाम आसुरी शक्तियो, पापियों, दुराचारियों का विनाश कर धर्म की रक्षा करते हुए हम सभी के लिए मर्यादा की स्थापना की।

विधायक त्रिपाठी ने कहा कि अगर भगवान सिर्फ अयोध्या में रह जाते तो शायद श्रीराम ही कहे जाते लेकिन चित्रकूट में 12 वर्षो के वनवास काल में भगवान श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बने। विधायक ने कहा कि इस तपोभूमि में भी भगवान श्रीराम का अयोध्या की तर्ज पर दिव्य और भव्यतम मंदिर का निर्माण भी होना चाहिए।

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने संतशिरोमणी श्री 1008 श्री रामभद्राचार्य महाराज को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने चित्रकूट में संघ के साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख सम्माननीय मोहन भागवत के समक्ष पावन नगरी चित्रकूट की वास्तविक समस्याओं को उठाया। विधायक मैहर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी धन्यवाद दिया है जिन्होंने रामभद्राचार्य की बातों पर संज्ञान लेकर चित्रकूट के समुचित विकास के लिए स्पेशल दर्जा देकर विकास की बात कही साथ ही उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी का भी धन्यवाद देते हुए बधाई दी है जिन्होंने चित्रकूट के विकास के लिए स्पेशल कमेटी बना कार्ययोजना तय कर सर्वांगीण विकास किए जाने की बात कही है।

विधायक ने कहा कि  चित्रकूट को विशेष दर्जा दिया जाकर दिव्य और भव्य बनाने का कार्य होना चाहिए। चित्रकूट हमारे विंध्य व सतना जिले की अमूल्य धरोहर है इस जिले और क्षेत्र की पहचान है, इसी जिले में विद्या और बुद्धि की देवी मां शारदा का धाम मैहर भी है और भगवान श्री राम की तपस्या के 75 प्रतिशत भाग इसी जिले के क्षेत्र में आते है। उन्होंने कहा कि स्पेशल पैकेज की आड़ में भगवान की तपोभूमि का 75 फीसद हिस्सा किसी अन्य राज्य में समाहित करने का प्रयास न किया जाए क्योंकि हमारे विंध्य और जिले के वासियों के लिए यह अयोध्या से कम नहीं है।

Tags:    

Similar News