SATNA : स्मार्ट सिटी सतना में अधिकारियों की उदासीनता से हादसे का खतरा बढ़ा

सतना। स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त सतना जिले में अधिकारियों की उदासीनता के कारण हादसों का खतरा बढ़ गया है। यदि समय रहते जिला प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो सतना में कभी भी एक बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा क्योंकि घटना की जांच के लिए एक समिति बनेगी और वह समिति अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने में इतना समय लगाएगी तब तक सब मामला ठंडा हो जाएगा।

Update: 2021-07-01 11:22 GMT

सतना। स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त सतना जिले में अधिकारियों की उदासीनता के कारण हादसों का खतरा बढ़ गया है। यदि समय रहते जिला प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो सतना में कभी भी एक बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा क्योंकि घटना की जांच के लिए एक समिति बनेगी और वह समिति अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने में इतना समय लगाएगी तब तक सब मामला ठंडा हो जाएगा।

आपको बता दें कि सतना जबसे स्मार्ट सिटी बनने की लाइन में आया है तो अधिकारियों और इंजीनियरों की चांदी हो रही है, क्योंकि दोनों हाथों से कमीशन खाने का चक्कर चल रहा है। स्मार्ट सिटी के नाम पर चौराहों पर लाल पीली बत्ती लगाकर ट्रैफिक की व्यवस्था करने वाले इंजीनियर सतना के बाहर से आए हैं और पैसा कमाने में लगे हैं, उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि सतना के लोग जिए या मरे उन्हें तो सिर्फ अपने कमीशन से मतलब रहता है।

ओवरब्रिज में लग रही वाहनों की कतार

बताया गया है कि सतना में पन्ना-रीवा रोड पर सतना सर्किट हाउस के चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगा है जिसकी गलत टाइमिंग की वजह से ओवरब्रिज पर गाड़ियों की कतारें लग कर ब्रिज पर अनावश्यक बोझ बढ़ाती है और पुल भी अब जर्जर होता जा रहा है। जैसा कि विशेषज्ञों का कहना है अब किसी दिन अतिरिक्त बोझ की वजह से पुल टूटेगा तो बड़ा हो सकता है। जिला प्रशासन को समय रहते इस पर विचार कर कोई महत्वपूर्ण कदम उठाना होगा।

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