एमपी में 900 करोड़ की तीन सिंचाई परियोजना मंजूर, रीवा में खर्च होंगे 90 करोड़ रुपए
किसानों को लाभ का धंधा और हर खेत पानी पहुंचाने के उद्देश से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री (CM Shivraj Singh) ने 900 करोड़ की लागत से तीन सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी है।
MP Sichai Pariyojana News: किसानों को लाभ का धंधा और हर खेत पानी पहुंचाने के उद्देश से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 900 करोड़ की लागत से तीन सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी है। इन सिंचाई परियोजनाओं में रीवा जिला भी शामिल है। जिले में करीब 90 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वही और भी कई ऐसे माध्यम है जिनसे एक किसान खेती की सिंचाई कर ज्यादा उपज अर्जित कर सकते हैं। 900 करोड़ की लागत से बनाने वाली इन सिंचाई परियोजनाओं में मध्य प्रदेश का रीवा जिला, बुरहानपुर जिला और सिंगरौली जिला शामिल है।
त्योहार में बनेगी माइक्रो सिंचाई परियोजना
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के त्योंथर तहसील में 89 करोड 83 लाख रुपए की माइक्रो सिंचाई परियोजना शुरू की जाएगी। जानकारों की माने तो इस सिंचाई परियोजना के मूर्ति रूप लेने से त्योंथर तहसील के 52 ग्रामो के 7600 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो जाएगी।
इधर सिंगरौली जिले के माडा एवं सिंगरौली तहसील में रिहंद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 672 करोड़ 25 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस परियोजना के मूर्ति रूप लेने पर सिंगरौली एवं माड़ा तहसील 4400 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।
कायामपुर सीतामऊ में सिंचाई परियोजना
राज्य सरकार द्वारा मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा के कयामपुर सीतामऊ में वृहद सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई है। इसके लिए पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंक 2374 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
खेत में पहुंचेगा चंबल का पानी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास से मंत्रीपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया है कि मंदसौर जिले के 252 गांवों का एक लाख 12000 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो जाएगी। साथ में बताया गया है कि इस परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव में चंबल का पानी पहुंचेगा।
किसान होंगे समृद्धि
कार्यक्रम के दौरान सभा को देवी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा है कि माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। माइक्रो इरीगेशन के द्वारा बूंद बूंद पद्धति से खेतों की सिंचाई होगी। इससे पानी की बचत होने के साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति और फसलें मजबूत होगी। माइक्रो इरिगेशन पद्धति अपनाने पर किसान को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को भी शामिल किया गया है। समय-समय पर सरकार योजना का लाभ देने रजिस्ट्रेशन करवाती है। इसके लिए किसानों को ई कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर आवेदन करना होता है।
खेत तालाब योजना
खेत तालाब योजना को बलराम तालाब योजना के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से किसानो को खेत पर तालाब बनवाने पर अनुदान दिया जाता है। बलराम तालाब बनवाने से किसान को सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं होती। वही भूजल स्तर का लगातार हो रहा दोहन भी रुकता है। साथ में भूजल स्तर तालाब के माध्यम से मेंटेन रहता है।