रीवा में कोरोना जांच में हो रही देरी से सैंपल हो रहें नष्ट, तो सतना ने बंद कर दी टेस्टिंग-सैंपलिंग
सतना रीवा में कोरोना जांच की मशीन तो लगा दी गई, पर इसका फायदा होते हुए दिख नहीं रहा है। रीवा में हो रही लापरवाही का खामियाजा पडोसी जिलों को
सतना। रीवा में कोरोना जांच की मशीन तो लगा दी गई, पर इसका फायदा होते हुए दिख नहीं रहा है। रीवा में हो रही लापरवाही का खामियाजा पडोसी जिलों को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है की सतना ने कोरोना टेस्टिंग और सैंपलिंग ही बंद कर दी। पांच दिन हो गए पर कोई जिम्मेदार आगे आने को तैयार नहीं है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के सतना जिले में पिछले 5 दिन से न कोई सैंपल लिया गया न टेस्ट हुई। ऐसे में कुछ पता नहीं कि यहां कितने लोग संक्रमित हुए। ऐसे में यह जिला कोरोना संक्रण को लेकर सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
गैर जिलो और गैर प्रांतों से यहां आने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन उनकी कोई जांच नहीं हो रही। ताज्जुब तो यह कि ये हाल 5 दिन से है लेकिन इसे लेकर एक भी जिम्मेदार अब तक सामने नहीं आया है कि इसका कोई हल निकाला जाए।
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बता दें कि सतना में एकत्र थ्रोड सेंपल रीवां भेजा जाता था। वहीं रीव मेडिकल कॉलेज में जांच होती रही है। लेकिन रीवा ने सेंपल लेने से इंकार कर दिया है। इतना ही नहीं, लापरवाही का आलम यह कि रीवा में पिछले 5 दिन से जांच के लिए लंबित 45 में से 15 सेंपल नष्ट हो गए हैं। ये सेंपल सतना से भेजे गए थे। ऐसे में सतना में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि रीवा मेडिकल कॉलेज ने तो शुक्रवार को ही सैंपल लेने से इंकार कर दिया था।
उधर हाल ये है कि यहां दूसरे प्रांतों से मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। इसमें महाराष्ट्र के नासिक, औरंगाबाद, मुंबई तो गुजरात के सूरत जैसे हॉटस्पॉट जिले के मजदूर भी यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां तो सैंपलिंग की जरूरत सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके सैंपलिंग बंद है।
अब सवाल ये कि अगर बाहर से आने वाला कोई संक्रमित है भी तो उसका पता नहीं चलेगा। ऐसे में वो कितने लोगों को संक्रमित करेगा इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
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उधर सतना के पड़ोसी जिलों रीवा, कटनी, शहडोल और अनूपपुर में कोरोना पॉजिटिव की तादाद लगातार बढ़ रही है। आलम यह है कि रीवा में सैंपलिंग बंद होने से जिले में मैपिंग बदलवाने का भी कोई प्रयास नहीं हो रहा।
बताया जा रहा है कि रीवा में मैग्नेटिक किट से जांच होती रही। इसकी गति काफी धीमी है। जांच प्रक्रिया भिन्न होने से विशेषज्ञों की जरूरत होत है। यह भी बताया गया कि रीवा की मशीन में कुछ टेक्निकल फॉल्ट आया है जिसके चलते बेंच मार्किंग नहीं हो पा रही। यह पता ही नहीं चल पा रहा कि किस प्वाइंट पर पॉजिटिव होगा और कहां निगेटिव।
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"5 दिन से सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। अब वहां से मना कर दिया गया है। जबलपुर मैपिंग में न होने से वहां सैंपल भेज नही सकते। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही कोई इंतजाम हो।"- अजय कटेसरिया, डीएम
"मेरी बात हुई है, आईसीएमआर से जो किट आई थी, वह खराब थी, दूसरी भेज दी गई है। सैंपलिंग जल्द शुरू हो जाएगी। जिनके सैंपल नष्ट हुए हैं उनके दोबारा लिए जाएंगे।"- गणेश सिंह, सांसद
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