रीवा की पार्वती हुई मालामाल, कमा रही 15000 रूपए, जानिए कैसे?

स्वसहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण गरीब महिलाएं जहां एक ओर आत्मनिर्भर हो रही हैं वहीं दूसरी ओर उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति भी सुधार रही है।

Update: 2024-02-07 13:11 GMT

रीवा: स्वसहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण गरीब महिलाएं जहां एक ओर आत्मनिर्भर हो रही हैं वहीं दूसरी ओर उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति भी सुधार रही है। जिले के किटवरिया गांव की रहने वाली पार्वती कुशवाहा के पास मात्र 2 एकड़ जमीन थी और वह अपने पति के साथ खेती किसानी में अपने पति का हाँथ बटाती थी जिससे उसका एवं पति सहित बच्चों का मुश्किल से 4 हजार रूपये प्रतिमाह की आय से गुजारा हो पाता था। इसी बीच पार्वती के पति बीमार हो गए और उसके ऊपर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में आशा की किरण बनी ग्रामीण आजीविका मिशन योजना जिससे जुड़कर पार्वती की स्थिति सुधर सकी।

पार्वती बताती हैं कि कनक स्वसहायता समूह से जुड़कर मैंने बचत की राशि से पति का इलाज कराया और कृषि सखी का सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र लोही में प्रशिक्षण लेकर सब्जी उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया। प्रशिक्षण के बाद मेरे कृषि कार्य में मेरा परिवार हाँथ बंटाने लगा।

अब मैं प्रतिमाह 15 हजार रूपये तक कमा लेती हूं जिससे मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और मेरी सामाजिक स्थिति भी सुधरी। मैं धन्यवाद देती हूं प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी को जिन्होंने ग्रामीण महिलाओं की तरक्की के लिये सोचा और योजनाएं आरंभ की। पार्वती का मोबाइल नंबर 9131283258 है।

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