REWA: महीने भर से एसजीएमएच की खराब पड़ी एक्सरे मशीन, पर्चा लिए भटक रहे रोगी
MP Rewa News: विंध्य के सबसे बडे़े अस्पताल संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) की व्यवस्था दिनों पटरी से उतरती जा रही है।;
MP Rewa News: विंध्य के सबसे बडे़े अस्पताल संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) की व्यवस्था दिनों पटरी से उतरती जा रही है। डेढ़-दो महीने से एसजीएमएच के रेडियोलॉजी विभाग की डिजिटिल एक्सरे मशीन (Digital X-Ray Machine) खराब है। मैनुअली चलने वाली अन्य 5 एक्सरे मशीनें कहने को ठीक है। लेकिन वह कमरे के अंदर बंद है। एक मशीन से रोगियों का एक्स-रे किया जा रहा है। भारी भीड़ के बीच मरीज तथा उसके साथ आये परिजनों परेशान है। एक्सरे विभाग में रोगियों की लम्बी कतार लग रही है।
अस्पताल में कुल 11 X-RAY मशीनें
संजय गांधी अस्पताल में कहने के लिए एक्स-रे की कुल 11 मशीने मौजूद हैं। जिसमें 5 मशीने मैनुअली संचालित होती हैं। वहीं 1 डिजिटल मशीन है तथा 5 पोर्टेबल एक्सरे मशीन है। जो विभागवार वार्डों में रखी हुई हैं। विभागों के बुलाने पर एक्स-रे विभाग से रेडियोलाजिस्ट जाकर बेड पर ही एक्स-रे करते हैं। लेकिन यह व्यवस्था भी आधी अधूरी चल रही है।
सैकड़ों रोगियों का हर दिन एक्सरे
ओपीडी और आईपीडी को मिला दिया जाय तो प्रतिदिन 300 के करीब रोगियों को एक्सरे के लिए डॉक्टरों द्वारा कहा जाता हैं। जिसमें ओपीडी के 200 तथा आईपीडी के 100 रोगियों को एक्सरे के लिए भेजा जाता है। ऐसे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इतने रोगियों का एक्सरे इस समय एक मशीन से कैसे सम्भव है।
कमरे में बंद पडी एक्स-रे मशीन
कहने को एसजीएमएच में 5 बड़ी मशीने रोगियों के एक्स-रे के लिए लगी हुई है। लेकिन विभागीय अव्यवस्था की वजह से ज्यादातर ताले के अंदर हैं। विभाग सभी को चालू हालत में बता रहा है। ऐसे में यह समझ के परे है कि आखिर मरीजों की भीड़ होने के बाद भी इन चालू एक्स-रे मशीनो का उपयोग क्यों नही किया जाता।
हीटर खराब, कैसे सुखांए एक्स-रे फिल्म
रेडियोलॉजी के एक्स-रे विभाग का हाल यह है कि यहां काफी समय से डार्करूम का हीटर खराब है। इस हीटर का उपयोग फिल्म सुखाने में किया जाता है। लेकिन इस समय पंखे के सहारे बेड पर एक्स-रे फिल्म को सुखाया जा रहा है।
वर्जन
संजय गांधी अस्पताल की डिजिटल डीआर एक्स-रे मशीन को छोड़कर सभी मशीने चल रही हैं। डीआर मशीन की ट्यूब कोरिया या फिर जपान से आनी है। कोविड काल की वजह से फैक्ट्रियों का उत्पादन प्रभावित हुआ था। इसीलिए ट्यूब नहीं मिल पा रही है। हम व्यवस्था बनाने में लगे हैं।
डॉ. राहुल मिश्रा, विभागाध्यक्ष रेडियोलाजी विभाग,
एसजीएमएच रीवा