Rewa News : 15 दिवसीय ऑनलाइन संस्कृति प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
रीवा। संस्कृत भाषा जन-जन तक पहुंचे। लोगों को इस भाषा की जानकारी हो, आगे आने वाले समय में छात्र-छात्राएं इस भाषा के महत्व को समझे एवं इसे सीखे। इससे जानने के लिए खुद उत्साहित हो व लोगों को भी इस भाषा के प्रति जागरूक करें इन सब उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए संस्कृत भारती महाकौशल प्रांत व रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के संस्कृत पाली प्राकृत विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 15 दिवसीय ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।
रीवा। संस्कृत भाषा जन-जन तक पहुंचे। लोगों को इस भाषा की जानकारी हो, आगे आने वाले समय में छात्र-छात्राएं इस भाषा के महत्व को समझे एवं इसे सीखे। इससे जानने के लिए खुद उत्साहित हो व लोगों को भी इस भाषा के प्रति जागरूक करें इन सब उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए संस्कृत भारती महाकौशल प्रांत व रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के संस्कृत पाली प्राकृत विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 15 दिवसीय ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।
इस ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने कहा कि संस्कृत भाषा देव भाषा है। इस भाषा के प्रति युवाओं में कम लगाव देखने को मिलता हैं। आज सभी इंग्लिश को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए संस्कृति हमारी प्राचीन एवं देव भाषा हैं। सभी छात्रों को इसे सीखने का प्रयास करना चाहिए। साथ लोगों को भी इस भाषा के महत्व के बारे में बताना चाहिए। ताकि लोगों का इस भाषा की जानकारी हो।
ये रहे मौजूद
ऑनलाइन संस्कृति प्रशिक्षण शुभारंभ अवसर पर मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ क्षेत्र के संगठन मंत्री श्रीमान प्रमोद पंडित जी, विशिष्ट अतिथि महाकौशल प्रांत संगठन मंत्री डॉ. जागेश्वर पटेल, संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. राधिका प्रसाद मिश्र ने अपनी-अपनी बातें रखी। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के अतिथि व्याख्याता अखिलेश मिश्रा और शिक्षक नितेश मिश्रा उमरिया,संदीप मिश्रा रीवा ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ हर्षिता जी द्वारा देवमंत्र से किया गया। इसके बाद शक्ति शुक्ला सतना द्वारा शानदार गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डाॅ. साधना जनसारी, डाॅ. जया शुक्ला, डाॅ. सरिता यादव अतिथि व्याख्याता संस्कृत पालि प्राकृत विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के साथ ही नीलेश शुक्ला व 600 की संख्या में छात्र आनलाइन भाग लेकर संस्कृत भाषा को सीख रहे हैं।