रीवा: बलात्कार के प्रयास के बाद युवती को चलती ट्रेन से फेकने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

खजुराहो महोबा पैसंजर ट्रेन के जनरल डिब्बे में अकेली बैठी युवती को चलती ट्रेन से बाहर फेंकने वाले दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को जिला न्यायालय रीवा द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

Update: 2024-01-30 08:23 GMT

रीवा (Rewa News): खजुराहो महोबा पैसंजर ट्रेन के जनरल डिब्बे में अकेली बैठी युवती को चलती ट्रेन से बाहर फेंकने वाले दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को जिला न्यायालय रीवा द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी को 2 लाख 10 हजार का जुर्माना भी किया गया है। आरोपी को चार अलग-अलग धाराओं में सजा व जुर्माने से दंडित किया गया है। घटना दो साल पूर्व रीवा जीआरपी थाना क्षेत्र के खजुराहो के आसपास घटित हुई थी।

यह था मामला

मामले के संबंध में अतिरिक्त लोक अभियोजक विकास द्विवेदी ने बताया कि लगभग दो साल पूर्व 27 अप्रैल 2022 को फरियादिया खजुराहो महोबा पैसेंजर ट्रेन से जनरल डिब्बे में खजुराहो से महोबा जाने के लिए यात्रा कर रही थी। यात्रा के दौरान वह डिब्बे में अकेली बैठी थी। खजुराहो से राजनगर के बीच आरोपी रामबाबू यादव पिता स्वामी प्रसाद उर्फ माते उम्र 26 वर्ष निवासी सूरीकला थाना बानपुर जिला 'ललितपुर उत्तरप्रदेश द्वारा फरियादिया के साथ ट्रेन में यात्रा के दौरान छेड़छाड़ एवं बलात्कार करने का प्रयास किया।

फरियादिया द्वारा विरोध किया गया जिससे आरोपी ने गुस्सा होकर ट्रेन की बोगी के अंदर से घसीट कर फरियादिया को दरवाजे के पास लाकर खजुराहो से राजनगर के बीच उसे चलती ट्रेन से लात-घूसा मार कर नीचे फेंक दिया। जिसके कारण फरियादिया को काफी गंभीर चोटें आई थी और उसके हाथ-पैर फैक्कर हो गये थे। घायल अवस्था में पड़ी पीड़िता को कामता मेडिक आम जनता द्वारा हंड्रेड डायल व खजुराहो पुलिस को सूचना दी गई।

खजुराहो की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और फरियादिया को पहले खजुराहो में प्राथमिक उपचार के बाद छतरपुर के लिए इलाज हेतु भेजा गया। छतरपुर से उसे रेफर कर ग्वालियर उपचार हेतु भेजा गया, जहां पर उसका उपचार चला व खजुराहो की पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। घटना जीआरपी क्षेत्र रीवा अंतर्गत होने के कारण उसे रीवा जीआरपी को भेज दिया गया था जिसके कारण रीवा थाना की पुलिस ने मामले को विवेचना में लेते हुए फरियादिया एवं अन्य साक्षियों के कथन लिए।

घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया और साक्षियों का परीक्षण किया गया। उस आधार पर प्रकरण प्रमाणित पाये जाने पर आरोपी रामबाबू को आईपीसी की धारा 354, 354क (1) (आई), 376 सहपठित धारा 511 एवं 307 भारतीय दंड विधान के तहत दोष सिद्ध पाया गया। जिस पर चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रीवा पद्मा जाटव की अदालत ने आरोपी रामबाबू यादव उर्फ मैते को धारा 307 के तहत 10 साल की सजा व एक लाख जुर्माना, धारा 376 सहपठित धारा 511 के तहत आजीवन कारावास की सजा व एक लाख जुर्माना, धारा 354 के तहत पांच साल की सजा व 5 हजार जुर्माना तथा 354क (1) (आई) के तहत तीन साल की सजा व 5 हजार जुर्माने से दंडित किया है। सभी सजायें एक साथ चलेंगी। 

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