REWA : महंगाई की मार, रसोई गैस, बिजली, दूध के एक साथ बढ़े दाम
रीवा। सरकार ने एक बार फिर रसोई गैस एवं बिजली के दाम बढ़ाकर आम आदमी के ऊपर बोझ डाल दिया है। साथ ही अमूल कंपनी ने दूध के दाम भी बढ़ा दिये हैं। बिजली और रसोई गैस के दाम बढ़ने से आम जन पर सीधा असर पड़ा है। एक जुलाई की शुरूआत आम जनता के साथ बड़े झटके के साथ हुई। घरेलू रसोई गैस के दाम 25.50 रुपये प्रति सिलेण्डर बढ़ गए हैं।
रीवा। सरकार ने एक बार फिर रसोई गैस एवं बिजली के दाम बढ़ाकर आम आदमी के ऊपर बोझ डाल दिया है। साथ ही अमूल कंपनी ने दूध के दाम भी बढ़ा दिये हैं। बिजली और रसोई गैस के दाम बढ़ने से आम जन पर सीधा असर पड़ा है। एक जुलाई की शुरूआत आम जनता के साथ बड़े झटके के साथ हुई। घरेलू रसोई गैस के दाम 25.50 रुपये प्रति सिलेण्डर बढ़ गए हैं।
हालांकि तीन महीने गैस के दाम स्थिर रहे और 833-835 के आसपास बने रहे किंतु 1 जुलाई को जिस तरह से सरकार ने आम आदमी को झटका दिया है उससे अब उसकी कमर टूट गई है। दाम लगातार बढ़ रहे हैं पर उपभोक्ताओं के खातों में सब्सिडी नहीं जा रही है। कोरोना के बाद महंगाई की मार झेल रहे आम उपभोक्ता को सरकार ने जबरदस्त झटका दिया है। वहीं बिजली के दाम भी बढ़ा दिये गये हैं।
आपको बता दें कि पहले रसोई गैस या फिर डीजल.पेट्रोल के दाम बढ़ाने के लिये सरकारें कई महीने पहले से समीक्षा करना शुरू कर देती थीं लेकिन केंद्र में नई सरकार आने के बाद अब हर महीने की शुरूआत में और फिर 15 दिन में एलपीजी के दामों मेंं वृद्धि की जाती थी किंतु अब हर दिन एलपीजी के दाम बढ़ते जा रहे हैं।
भारत सरकार की सबसे बड़ी एकीकृत तेल शोधन और वितरण करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन ने दिसंबर 2020 से 1 जुलाई 2021 तक लगभग दस महीने में 240 रुपये दाम बढ़ा दिये हैं। जुलाई महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेण्डर के दाम 25 रुपये के बढ़ाये जाने के बाद रीवा शहर में 859 रुपये पहुंच गई है।
दस माह में 241 रुपये बढ़े दाम
कोरोना काल में जब आम जनता को सरकार से राहत की उ मीद है तब सरकार महंगाई का बोझ डाल रही है। कोरोना काल में हर आमोखास की स्थिति खराब हुई है। सरकार की गलत नीतियों की वजह से लोगों का जीना दूभर होता जा रहा है। आम आदमी की जेब पर बोझ डालने के लिये नित नये प्रयास भी सरकार कर रही है। यदि घरेलू गैस सिलेण्डर के दामों की बात करें तो पिछले दस महीनों में 241 रुपये की चपत आम जनता को लग चुकी है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2020 में घरेलू गैस की कीमत 718 रुपये थी लेकिन जुलाई माह में केंद्र सरकार ने गैस के दामों को रिवाइज करते हुए 859 रुपये कर दिये ताकि उपभोक्ताओं को सब्सिडी न देना पड़े। इसके बाद से सब्सिडी कम करने के नाम पर कभी 10 रुपये तो कभी 5 रुपय दाम काम किये गये लेकिन आम आदमी को सरकार के इन दामों को काम करने से कोई राहत नहीं मिली।