रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डॉक्टरों ने किया अनोखा प्रयोग, शराब की बूंदों से सुधारी मरीज के दिल की धड़कन
रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दिल की बीमारी का इलाज अब शराब से किया जा रहा है! डॉक्टरों ने "एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन" तकनीक का सफल प्रयोग किया है।
रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है। यहां अब दिल की बीमारी का इलाज शराब से किया जा रहा है! जी हां, आपने सही सुना। डॉक्टरों ने "एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन" नामक एक नई तकनीक का सफल प्रयोग किया है जिसमें मरीज के दिल में निर्धारित मात्रा में शराब डालकर उसे ठीक किया जाता है।
कैसे हुआ इलाज?
हाल ही में हॉस्पिटल के OPD में इबरार मोहम्मद (45) नाम के एक मरीज आए थे जिनके दिल की मांसपेशियां बढ़ने से उन्हें सांस फूलने और सीने में दर्द की समस्या हो रही थी। जांच में पाया गया कि उनका दिल काफी मोटा हो गया है। चूंकि इस बीमारी का ऑपरेशन रीवा में संभव नहीं था, इसलिए डॉक्टरों ने "एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन" तकनीक का इस्तेमाल किया। इस प्रक्रिया में डॉक्टरों ने मरीज के दिल की वाहिकाओं में 2 ml शराब डाली, जिससे अतिरिक्त मांसपेशियां कट गईं और मरीज को आराम मिला।
क्या है "एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन"?
यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को रक्त वाहिका के माध्यम से दिल तक पहुंचाते हैं। कैथेटर के सिरे पर एक गुब्बारा होता है जिसमें 100% शुद्ध एल्कोहल भरी होती है। यह एल्कोहल दिल की मोटी मांसपेशियों को नष्ट कर देती है, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
"हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी" क्या है?
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिल की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो जाती हैं, जिससे दिल की कार्यक्षमता कम हो जाती है और दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है।
"एल्कोहल सेप्टल एबलेशन में 100 प्रतिशत शुद्ध एल्कोहल का उपयोग होता है। इसका रीवा में प्रोसीजर सफल रहा है। कई और मरीजों को जल्द इसी विधि से लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है।" - डॉ. वीडी त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी सुपर स्पेशलिटी रीवा