REWA : नर्सो की हड़ताल के चलते जिला से लेकर गांवों तक बेपटरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था

रीवा। प्रदेश भर में नर्स अनिश्चिताकलन आंदोलन पर हैं। जिसके चलते अस्पतालों में स्वास्थ्य गड़बड़ गई है। रीवा में संजय गांधी अस्पताल एवं जिला चिकित्सालय के साथ ही जिले भर के सीएचसी एवं पीएचसी सेंटर की व्यवसथा बेपटरी हो गई है। मरीज उपचार के लिये परेशान हो रहे हैं तो वहीं पट्टी एवं इंजेक्शन भी समय पर नहीं मिल पा रहा है। नर्स एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को जगाने के लिये उनके द्वारा लगातार काम करते रहने के साथ ही चरणबद्ध आंदोलन किया गया, इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया।

Update: 2021-07-05 23:14 GMT

रीवा। प्रदेश भर में नर्स अनिश्चिताकलन आंदोलन पर हैं। जिसके चलते अस्पतालों में स्वास्थ्य गड़बड़ गई है। रीवा में संजय गांधी अस्पताल एवं जिला चिकित्सालय के साथ ही जिले भर के सीएचसी एवं पीएचसी सेंटर की व्यवसथा बेपटरी हो गई है। मरीज उपचार के लिये परेशान हो रहे हैं तो वहीं पट्टी एवं इंजेक्शन भी समय पर नहीं मिल पा रहा है। नर्स एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को जगाने के लिये उनके द्वारा लगातार काम करते रहने के साथ ही चरणबद्ध आंदोलन किया गया, इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया।

नर्सो के अनिश्चितकालीन आंदोलन से कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय की मॉडल मेटरनिटी विंग की व्यवस्थाएं धरासाई हो गई है। आलम है कि जहां स्त्री एवं प्रसूति विभाग में 55 नर्सों पर जिला अस्पताल की जिम्मेदारी रहती थी। वहां महज तीन संविदा नर्से सेवाएं दे रही हैं,। सूत्रों का कहना है कि एक नर्स सुबह आती है। बाकी दो नर्से शाम और रात्रि में ड्यूटी करती है। जिनपर औसत एक दर्जन गर्भवती और प्रसूताओं के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा होता है।

बताया गया कि कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्कसाल में औसतन रोजाना एक दर्जन से ज्यादा डिलेवरी होती है। जहां पर इन सभी के स्वास्थ्य और देखभाग का जिम्मा सिर्फ  एक सविंदा नर्स पर होता है। जो आठ घंटे तक एक मरीज से दूसरे मरीज दूसरे से तीसरे के बीच भागती रहती हैं।

मिली जानकारी के अनुसार सामान्य हालात में सिर्फ  लेबर रूम में लगभग एक दर्जन नर्सेस की तैनाती रहती थी। लेकिन नर्सों के अनिश्चत कालीन हड़ताल के बाद उनकी भरपाई सिर्फ एक नर्स से की जा रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को पूरे मामले की जानकारी है। लेकिन कोई किसी से कुछ नहीं कह रहा है। सब यही कह रहे हैए व्यवस्थाएं ठीक चल रही है। बताया गया कि जिला अस्पताल में मेटरनिटी विंग के लिए 30 बेड आरक्षित है। जहां औसतन एक दर्जन नर्सों की सेवाएं ली जाती थी। लेकिन वर्तमान समय में एक नर्स से काम चलाया जा रहा है।

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