गुलाब की खेती से बदली रीवा के किसान की किस्मत, सालाना 25 लाख का है टर्नओवर

रीवा जिले (Rewa) के एक किसान ने अपनी मेहनत और अथक प्रयास के दम पर वह मुकाम हासिल किया है जिसे पूरा करना हर किसान का सपना होता है।

Update: 2022-05-23 08:59 GMT

रीवा जिले (Rewa District) के एक किसान ने अपनी मेहनत और अथक प्रयास के दम पर वह मुकाम हासिल किया है जिसे पूरा करना हर किसान का सपना होता है। स्थिति यह है कि जिले के रीठी निवासी अमलेश पटेल (Amlesh Patel)  गुलाब की खेती करके प्रतिवर्ष 25 लाख की आय प्राप्त कर रहे हैं। अमलेश की माने तो शून्य से 25 लाख तक का सफर आसान नहीं रहा। कभी आर्थिक समस्या आई तो कभी लोगों ने हतोत्साहित किया। लेकिन मैने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।  आज की स्थिति यह है कि मेरी ही तरह अन्य किसान भी अपनी परंपरागत खेती के साथ ही गुलाब और सब्जियों की खेती कर आय प्राप्त कर रहे है।

कैसे शुरू की गुलाब की खेती

अमलेश की माने तो 2015 के पूर्व मैं केवल परंपरागत खेती ही कर रहा था। लेकिन 2015 में मैं कृषि विज्ञान केन्द्र के संपर्क में आया। यही मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था। यहां से मुझे गुलाब की खेती के बारे में जानकारी मिली। उद्यानिकी विभाग से मिले सहयोग के बाद मैने अपने दो एकड़ की भूमि में गुलाब की खेती शुरू की। इसी गुलाब की खेती से मैं प्रतिवर्ष 25 लाख की इनकम कर रहा हूं।

कुछ गलतियां भी की

बताया गया है कि अमलेश ने जब गुलाब की खेती शुरू की तब शुरूआत के दो वर्ष में मुझे नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन फायदा भी नहीं हुआ। नया काम था तो कुछ गलतियां भी की। लेकिन समय के साथ गलतियों को सुधारते हुए अमलेश ने अपने गुलाब की खेती में एक अहम मुकाम हासिल किया।

दिल्ली और बनारस जाता है गुलाब

बताया गया है कि अमलेश द्वारा लगाया गया गुलाब दिल्ली, बनारस, प्रयागराज सहित विंध्य के हर जिले में जाता है। अमलेश के गुलाब की मांग दिनों दिन बढ़ रही है। अमलेश की माने तो गुलाब की खेती का सबसे अधिक फायदा यह है कि एक बार लगाने के बाद पांच साल तक यह खेती काम करती है। पांच साल तक इसमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती।

शिमला मिर्च से भी बढ़ी इनकम

बताया गया है कि गुलाब की खेती के साथ ही अमलेश शिमला मिर्च की खेती भी करते हैं। अमलेश की माने तो शिमला मिर्च से प्रतिवर्ष उसे पांच लाख से अधिक की आय होती है। अगर यह कहा जाये कि गुलाब की खेती से जहां अमलेश के जीवन में कामयाबी की सुगंध आ गई है वहीं शिमला मिर्च ने किस्मत बदलने का काम किया है तो अतिशयोक्ति न होगा।

पहले केवल होता था गुजारा

अमलेश ने बताया कि 2015 के पूर्व केवल मैं परंपरागत खेती ही करता था। इस खेती से केवल जीवन गुजारने के लिए ही आय प्राप्त होती थी। लेकिन यह आय जीवन में अपर्याप्त लगती थी। इसी कारण से मैंने कुछ अलग और नया करने का सोची। आज की स्थिति यह है कि अमलेश को अपने निर्णय पर कभी पछताना नहीं पड़ा।

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