रीवा जिले के पशुपालन विभाग अधिकारियों कर्मचारियों की छुट्टी पर लगी रोक, संचालक ने जारी किया आदेश

MP Rewa News: निर्णय पशुओं में खासकर सुअरों में फैली अफ्रीकन स्वाइन फीवर को देखते हुए किया गया है।

Update: 2022-08-22 06:17 GMT

MP Rewa News: रीवा जिले के पशुपालन एवं डेयरी विभाग में काम करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है। शायद है कि इन लोगों को सरकारी पत्र भी पहुंच गया होगा। लेकिन जिनके पास पत्र नहीं पहुंचा है वह भी जान लें कि संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. आर के मोहिया ने रीवा जिले में पदस्थ विभागीय अधिकारी कर्मचारियों के समस्त अवकाश निरस्त कर दिए हैं। इसमें केवल प्रसूति एवं मेडिकल अवकाश को छोड़ा गया है। यह निर्णय पशुओं में खासकर सुअरों में फैली अफ्रीकन स्वाइन फीवर को देखते हुए किया गया है।

दी गई जानकारी

आईसीएआर निवेदी बेंगलुरु के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर एस. पाटिल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों को अफ्रीकन स्वाइन फीवर बीमारी के नियंत्रण एवं उपाय के बारे में जानकारी दीजिए। इस अवसर पर रीवा के संचालक डॉक्टर आरके मोहिया शामिल हुए।

बैठक में बताया गया कि सुकर प्रजाति के लिए यह अत्यंत घातक विषाणु जनित बीमारी है। यदि किसी भी सुअर को यह बीमारी हो जाती है उसमें 90 से 100 प्रतिशत मृत्यु की संभावना है। लेकिन राहत की बात यह है कि सुअरों से यह बीमारी न तो मनुष्यों में फैलती है और न ही गाय भैंस भेड़ बकरी आदि पशुओं में।

फिर भी हालात को देखते हुए बताया गया है कि रीवा जिले के वार्ड क्रमांक 15 में एपी सेंटर बनाया गया है। क्रय विक्रय एवं परिवहन पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही अधिकारियों कर्मचारियों को कहा गया है कि वह 10 किलोमीटर की परिधि में सतत निगरानी रखें। इसीलिए सभी कर्मचारियों अधिकारियों के सभी अवकाश को रद्द किया गया है।

रीवा जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। इस गंभीर बीमारी के संपर्क में आने से सूअर में किसी अन्य पशुओं को यह बीमारी नहीं फैलती। लेकिन संक्रमित खून भोजन या दूसरा आदमी से यह स्वाइन फीवर फ़ैल सकता है। किलनी नामक छोटे-छोटे कीटाणु जो सो के शरीर में चिपक कर उनका खून चूसते हैं एक पशु से दूसरे में फैला सकते हैं। ऐसे में एहतियात बरतने के सभी उपायों पर सतत निगरानी करने की आवश्यकता है।

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