Rewa : सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डाक्टरों का कमाल, आंतो से बनाई पेशाब की थैली, 7 घंटे चला ऑपरेशन
Rewa / रीवा। जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खुलने के बाद विंध्य के रोगियों को काफी राहत मिली है। गम्भीर रोगों का इलाज करवाने के लिए रोगियों को प्रदेश के दूसरे बडे शहरों का रुख करना पडता था। लेकिन अब रीवा में खुले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डाक्टर हर दिन कोई न कोई कमाल कर रहे है।
Rewa / रीवा। जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खुलने के बाद विंध्य के रोगियों को काफी राहत मिली है। गम्भीर रोगों का इलाज करवाने के लिए रोगियों को प्रदेश के दूसरे बडे शहरों का रुख करना पडता था। लेकिन अब रीवा में खुले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डाक्टर हर दिन कोई न कोई कमाल कर रहे है।
क्रिटिकल ऑपरेशन कर रोगी को नया जीवन दे रहे हैं जिनकी कल्पना एक सामान्य गरीब रोगी नहीं कर सकता था। यूरोलाजिस्ट डाक्टर डॉ बृजेश तिवारी ने बताया कि इस पूरे सफल ऑपरेशन के दौरान डॉ सुरेश, डॉ लाल प्रवीन सिंह सहित अन्य स्टाफ शामिल रहा। सभी के अथक सहयोग से ऑपरेशन सफलता पूर्वक किया गया।
किया क्रिटिकल ऑपरेशन
हाल के दिनों में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने एक ऐसा क्रिटिकल ऑपरेशन किया जो रीवा के लिए पहला सफल ऑपरेशन कहा जायेगा। चिकित्सकों ने कहा कि यह तो उन्हे करना ही था। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग के डाक्टरों की एक टीम ने पेशाब की समस्या से जूझ रहे रोगी का ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया।
पेशाब की थैली में था 1.5 किलो का गठान
पेशाब बराबर न निकलने की शिकायत लेकर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे सेमरिया से रोगी बैजनाथ कुशवाहा ने अपनी समस्या बताई। जिसके बाद विभाग के डाक्टरों ने उन्हे भर्ती करते हुए जांच करवाई। जिसके बाद पता चला कि पेशाब की थैली में 1.5 किलो मांस का गठान हैं।
किडनी में लगाई नली
यूरोलाजी के डाक्टर बृजेश तिवारी ने बताया कि रोगी का पेशाब बाहर निकालने के लिए एक माइनर ऑपरेशन कर मरीज के दोनों किडनी में नाली निकालकर पेशाब बाहर निकालने का रास्ता बनाया। जिसके बाद रोगी को प्राथमिक तौर पर काफी राहत मिली।
निकाला गया गठान
रोगी को पांच दिनो तक भर्ती कर जांच की गई। बाद में दूसरा अपरेशन किया गया। बताया जाता है कि दूसरे ऑपरेशन में गठान को सफलता पूर्वक निकाल लिया गया और उस गांठ को जांच के लिए मेडिकल कालेज भेजा गया है।
7 घंटे ऑपरेशन कर बनाई नई थैली
डाक्टर बृजेश तिवारी ने बताया कि रोगी के लिए पेशाब की थैली के लिए एक बार फिर ऑपरेशन करना पड़ा जो लगभग 7 घंटे तक चला। इसके लए आंत से मांस काटकर नई पेशाब की थैली बना दी गई। आंतो को आराम देने के लिए कई दिनों तक भोजन नही दिया गया। 5 दिन बद हल्का आहार दिया गया। और रोगी को आराम होने पर सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।