रीवा में जेल में कैदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने किया हंगामा, प्रबंधन पर लगा लापरवाही का आरोप

MP Rewa News: हंगामे के बीच काफी मशक्कत के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो पाई।;

Update: 2022-07-10 10:21 GMT

MP Rewa News: मध्यप्रदेश के रीवा जिले के उप जेल मऊगंज में बंद रहे विचाराधीन बंदी की मौत से आक्रोशित परिजनों ने जम कर हंगामा प्रदर्शन किया। परिजनों ने जेल से लेकर अस्पताल तक बवाल मचाया। इस विरोध के बीच काफी मशक्कत के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो पाई। इसके बाद शव को घर ले जाने की तैयारी थी, लेकिन मौके पर पहुंचे लोग कार्रवाई की मांग पर अड़ गए।

बताया गया है कि मऊगंज थाना अंतर्गत पन्नी पथरिहा निवासी रामप्रयाग साकेत 58 वर्ष दो साल पहले हुए चमन हत्याकाण्ड का आरोपी था। हत्या के आरोप में वह मऊगंज उप जेल में बंद था। शुक्रवार को तबियत बिगड़ने पर जेल प्रबंधन द्वारा उसे मऊगंज अस्पताल ले जाया गया, जहां इंजेक्शन आदि उपचार करने के बाद वापस भेज दिया गया। शनिवार की सुबह उसकी जेल में ही मौत हो गई। बताते हैं कि जेल में रामप्रयाग के साथ कुछ और लोग भी बंद थे। जिन्होने रामप्रयाग की मौत पर जेल में विरोध किया। यहां से शव को जब मऊगंज अस्पताल ले जाया गया तो वहां परिजनों ने हंगामा किया।

सही इलाज न कराने का आरोप

परिजनों का आरोप है कि रामप्रयाग की मौत की पूरी जिम्मेदारी मऊगंज जेल प्रबंधन की है। अगर सही समय पर सही तरीके से रामप्रयाग का इलाज कराया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन जेल प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। जिससे उसकी मौत हो गई। प्रबंधन ने उसे अस्पताल में तो दिखवाया, लेकिन सही इलाज नहीं किया। परिजनों ने रामप्रयाग की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया।

तीन सदस्यीय टीम ने किया पीएम

मऊगंज अस्पताल में रामप्रयाग के शव का पीएम चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा किया गया। बताया गया है कि पीएम रिपोर्ट के बाद ही रामप्रयाग की मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा। परिजनों की मांग पर चिकित्सकों की टीम द्वारा पीएम किया गया।

पूर्व विधायक रहे उपस्थित

बताया गया है कि घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्र के कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना भी मौके पर पहुंच गए। पूर्व विधायक की समझाइस के बाद मामला शांत हुआ, इसके अलावा बीजेपी के कई नेता भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान बीजेपी के नेताओं ने भी परिजनों की मांग का समर्थन करते हुए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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