रीवा में SDM के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी जमीन हड़पने की थी तैयारी, रीडर समेत 3 पर केस दर्ज

रीवा में SDM के फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। पुलिस ने SDM कार्यालय के रीडर सहित 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।;

Update: 2025-01-24 12:19 GMT

Rewa Civil Line Police Station

रीवा ज़िले में एक बार फिर ज़मीन घोटाले का मामला सामने आया है। यहां SDM के फर्जी हस्ताक्षर करके सरकारी ज़मीन को निजी बनाने की कोशिश की गई। इस मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने SDM कार्यालय के रीडर सहित 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला हुज़ूर SDM कार्यालय का है। यहां 29 जुलाई 2022 को रमाशंकर तिवारी नाम के एक व्यक्ति के पक्ष में एक आदेश जारी किया गया था जिसमें सरकारी ज़मीन को उनके नाम कर दिया गया था। लेकिन जब तहसीलदार हुज़ूर ने इस आदेश की कॉपी देखी, तो उन्हें SDM के हस्ताक्षर संदेहास्पद लगे। जांच में पता चला कि यह आदेश फर्जी हस्ताक्षर से जारी किया गया था।

रीडर ने की थी हस्ताक्षर की जालसाजी

जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन रीडर बृजमोहन पटेल ने SDM के हस्ताक्षर की जालसाजी की थी और सरकारी ज़मीन को निजी बनाने की कोशिश की थी। इस मामले में आवेदक रमाशंकर तिवारी थे। वर्तमान रीडर मनीष अवस्थी ने भी इस घोटाले में मदद की थी।

3 लोगों के खिलाफ FIR

तत्कालीन SDM अनुराग तिवारी की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।

सीलिंग एक्ट के तहत हुई थी ज़मीन सरकारी

रमाशंकर तिवारी के परिवार के पास पहले बहुत ज़मीन थी। लेकिन 1970 में सीलिंग एक्ट लागू होने के बाद उनकी ज़्यादा ज़मीन सरकार ने ले ली थी। अब रमाशंकर तिवारी चाहते थे कि यह ज़मीन उन्हें वापस मिल जाए, इसलिए उन्होंने यह घोटाला किया।

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