पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक Rajendra Shukla के जन्म दिन में विशेष खबर, पढ़िए
पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला (Rajendra Shukla) का जन्म 1964 को रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा अंतर्गत ढेरा गांव में हुआ था। हर राजनेता अपने हिसाब से क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देता है। जनता के बीच सुर्खियों में बने रहे विवाद कमेंट देने की भी कुछ नेताओं में आदत होती है। इन सबसे अलग राजनीति की नई दिशा तय करते हुए मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने रीवा शहर को महानगरों की दौड़ में शामिल करने का प्रयास किया है। यहां आवश्यकता के अनुसार जो भी मांगा सरकार ने भी पूरा किया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद राजनीति में आए शुक्ला विवादित बयानों से भी दूर रहते हैं। इनकी इस आदत को जनता ने पसंद किया और लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे हैं और सरकार में पूर्व मंत्री भी थे ।
पिता थे प्रदेश के बड़े संविदाकारपूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के पिता भैयालाल प्रदेश के प्रमुख संविदाकारों में शामिल थे। कार्य में गुणवत्ता ही उनकी पहचान थी। सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले भैयालाल ने स्वयं बड़े कारोबार का नेटवर्क स्थापित किया। वह राजेन्द्र शुक्ला को भी उसी क्षेत्र में ले जाना चाहते थे लेकिन इन्होंने राजनीति का क्षेत्र अपनाया और दूसरे भाई विनोद शुक्ला पिता की विरासत को संभाल रहे हैं।
विंध्य को दिलाया अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रोजेक्टसरकार में रहते हुए क्षेत्र के लिए कई अहम योजनाएं लेकर आए। दुनिया का पहला ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर (सतना) में स्थापित कराया। सोलर के क्षेत्र में बड़ा प्रोजेक्ट तैयार कराया और बदवार पहाड़ में 750 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित होने जा रहा है। यह सोलर एनर्जी का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है। रीवा शहर में भी निर्माण के कई कार्य हुए हैं और निरंतर अभी भी जारी है ।
कांग्रेस पार्टी से शुरू की थी राजनीतिराजनीति की शुरुआत राजेन्द्र ने युवा कांग्रेस से शुरू की थी। कई वर्षों तक अलग-अलग पदों पर रहे लेकिन पार्टी से मोह भंग हुआ और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा की टिकट पर वर्ष 2003 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। राजेंद्र खनिज साधन, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, प्रवासी भारतीय विभाग, जनसमपर्क सहित अन्य अहम् विभाग में मंत्री रह चुके है.
छात्र राजनीति में भी रहे सक्रियवर्ष 1986 में इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही नेतृत्व की ओर रुझान बढ़ा था। 1992 में वृहद युवा सम्मेलन आयोजित कर सबको आकर्षित किया। छात्र राजनीति के दौरान कई बड़े आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। इन पदों पर भी रहेछात्र राजनीति के बाद लायंस क्लब रीवा के सदस्य चुने गए, भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, एमपी हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर रहने के बाद पहली बार 2003 में विधायक चुने गए।
तैराकी है विशेष शौकखेलों में रुचि तो रखते हैं लेकिन तैराकी ऐसा शौक है जिस पर नियमित अभ्यास भी करते हैं। कार्यों की व्यस्तता के बावजूद योगा करना भी नहीं भूलते। अध्यात्म पर भी पूरी आस्था रखते हैं साथ ही रानी तालाब के काली मंदिर और चिरहुला के हनुमान मंदिर जाना नहीं भूलते। तीन संतानों के हैं पितातीन अगस्त 1964 को जन्मे राजेन्द्र शुक्ला की शादी सुनीता शुक्ला से हुई है। इनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। पत्नी राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर रहती हैं लेकिन सामाजिक कार्यक्रमों में पति के साथ जनता के बीच पहुंचती है.