रीवा: 15 सालो से नहीं हुआ 200 से अधिक प्राध्यापकों का प्रमोशन, जानिए क्यों हुआ ऐसा?
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों को पिछले 15 साल से प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाया है।
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा (Additional Director Higher Education Rewa) अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों को पिछले 15 साल से प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाया है। स्थिति यह है कि प्रमोशन की बाट जोहते हुए तीन दर्जन से अधिक प्राध्यापक सेवानिवृत्त हो गए। लेकिन उनका प्रमोशन नहीं हो पाया। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा से मिली जानकारी के मुताबिक प्रमोशन का मुद्दा काफी पेचीदा है। जिसके कारण पात्र प्राध्यापकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि 15 साल से हायर एजुकेशन में पदस्थ तकरीबन दो सैकड़ा से अधिक प्राध्यापकों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वरिष्ठता सूची और आरक्षण बना कारण
बताया गया है कि मध्यप्रदेश के साथ ही रीवा के शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची बनाने में हायर एजुकेशन द्वारा काफी ज्यादा समय लगा दिया गया। वरिष्ठता सूची का जो काम 6 माह में पूरा हो जाना चाहिए था उसे पूरा करने में हायर एजुकेशन ने 11 साल से अधिक का समय लगा दिया। लंबे समयांतराल के बाद जब हायर एजुकेशन ने वरिष्ठता सूची का कार्य पूरा कर लिया। प्राध्यापकों के मन में प्रमोशन की उम्मीद जगी उसी वक्त आरक्षण के पेंच में मामला अटक गया। फिलहाल यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है। जब तक हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में फैसला नहीं दे दिया जाता तब तक प्राध्यापकां के पास प्रमोशन का इंतजार करने के सिवा कोई रास्ता नहीं है।
महाविद्यालयों को नहीं मिल पा रहे नियमित प्राचार्य
प्रमोशन न होने का सबसे बड़ा खामियाजा महाविद्यालयों को उठाना पड़ रहा है। बताया गया है कि प्रमोशन न होने के कारण ही आज रीवा संभाग के अलावा प्रदेश के अन्य शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य न होने के कारण महाविद्यालयों का विकास कार्य जहां बाधित होता है वहीं विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती है।
इनका कहना है
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा प्रो. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि आरक्षण और वरिष्ठता सूची प्रमोशन की राह में बाधा बन रही है। प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे को लेकर मामला हाईकोर्ट में लंबित है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ही प्रमोशन का रास्ता साफ हो पाएगा।