एमपी: मापदंड का अभाव, एक हजार प्राइवेट स्कूलों को नहीं दी जाएगी मान्यता
MP News: विद्यालयों में आरटीई नियम के अनुसार मापदंड न होने के कारण प्राइवेट स्कूलों को मान्यता नहीं मिल पा रही है।;
MP News: मान्यता अवधि के तीन दिन शेष रहने के पहले ही राज्य शिक्षा केन्द्र ने निजी विद्यालयों को मिलने वाली मान्यता पर स्थिति स्पष्ट कर दी है। केन्द्र का कहना है कि एक हजार विद्यालय ऐसे हैं, जिन्हें मान्यता नहीं की जाएगी। इसका कारण यह है कि इन संस्थानों ने आरटीई मापदंड (RTE Criteria) पूरे नहीं किए हैं। इसलिए इन विद्यालयों के आवेदन अमान्य कर दिए गए हैं। केन्द्र के अनुसार प्रदेश में 27 हजार मिडिल और प्रायमरी विद्यालय है। जिन्हें मान्यता दी जानी है। पिछले माह मान्यता का कार्य शुरू हुआ था। राज्य शिक्षा केन्द्र का कहना है कि डीपीसी, बीआरसीसी और जिला शिक्षा अधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर 26 हजार विद्यालयों को मान्यता दी जा चुकी है। 1 हजार स्कूल शेष है, जिन्हें मान्यता मिलना संभव नहीं है। क्योंकि इन विद्यालयों में आरटीई नियम के अनुसार मापदंड नहीं है। शर्त भी यही थी कि जिन विद्यालयों में आरटीई नियम रूल कम्प्लीट किए जाएंगे। उन्हीं विद्यालयों को मान्यता मिलेगी। यहां 25 फीसदी गरीब बच्चों के निःशुल्क प्रवेश होंगे।
क्यों नहीं दी गई मान्यता
अधिकारियों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा कराए गए मौके पर स्थल निरीक्षण उपरांत इन विद्यालयों में कई कमियां पाई गई है। विद्यालय में जहां बच्चों के बैठने का अभाव है, वहीं खेल ग्राउण्ड से लेकर बालक एवं बालिका मान से शौचालय नहीं है। यही कारण है कि इन विद्यालयों को मान्यता नहीं दी गई। जिन विद्यालयों को मान्यता मिल गई है। उनके नाम एजुकेशन पोर्टल (Education Portal) पर भी प्रदर्शित कर दिए गए हैं।
सही रिपोर्ट नहीं दे रहे अधिकारी
निजी विद्यालय संचालकों का कहना है कि अधिकारी सही रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। अभी प्रदेश भर में करीब दस हजार ऐसे विद्यालय है, जिन्हें मान्यता मिलना शेष है। इन विद्यालयों में समस्त मापदंड पूरे किए गए हैं। उसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा मान्यता नहीं दी जा रही। इस बारे में राज्य शिक्षा केन्द्र से लेकर स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव को भी बताया जा चुका है। फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा।
वर्जन
प्रदेश में 26 हजार विद्यालयों को मान्यता दी जा चुकी है। जिन विद्यालयों को मान्यता मिल चुकी है, उनके नाम एजुकेशन पोर्टल भी प्रदर्शित कर दिया गया है। मान्यता उन्हीं विद्यालयों को दी गई है, जिन्होने आरटीई के अंतर्गत मापदंडो का पालन किया है।
रमाशंकर तिवारी, कंट्रोलर आरटीई, राज्य शिक्षा केन्द्र