रीवा. बोर के अंदर फंसे जनेह थाना के मनिका गांव के 6 साल के मयंक को निकालने के लिए शुक्रवार की शाम से 45 घंटे तक लगातार रेस्क्यू टीम जुटी रही। लेकिन मयंक को बचाया नहीं जा सका। रविवार की दोपहर तक चले रेस्क्यू के बाद वह बोरवेल में 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मेडिकल टीम उसे अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मयंक परिवार का सबसे बड़ा लड़का था। विजय कोल के तीन बच्चे हैं, जिसमें मयंक सबसे बड़ा था। इसके बाद चार साल का छोटा भाई और ढाई साल की छोटी बहन है। घटना के बाद जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं पूरा गांव में मातम छाया हुआ है।जनपद CEO, पीएचई SDO सस्पेंडसीएम डॉ. मोहन यादव ने मयंक की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को रेड क्रॉस की ओर से 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। सीएम ने त्योंथर जनपद के सीईओ और एसडीओ, पीएचई के एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।मयंक शुक्रवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरा था। वह खेत में बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान खेत में ही खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। बच्चे की मां शीला आदिवासी अपनी मासूम बेटी को गोद में लेकर रातभर घटनास्थल पर बैठी रही।
रीवा. बोर के अंदर फंसे जनेह थाना के मनिका गांव के 6 साल के मयंक को निकालने के लिए शुक्रवार की शाम से 45 घंटे तक लगातार रेस्क्यू टीम जुटी रही। लेकिन मयंक को बचाया नहीं जा सका। रविवार की दोपहर तक चले रेस्क्यू के बाद वह बोरवेल में 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मेडिकल टीम उसे अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मयंक परिवार का सबसे बड़ा लड़का था। विजय कोल के तीन बच्चे हैं, जिसमें मयंक सबसे बड़ा था। इसके बाद चार साल का छोटा भाई और ढाई साल की छोटी बहन है। घटना के बाद जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं पूरा गांव में मातम छाया हुआ है।जनपद CEO, पीएचई SDO सस्पेंडसीएम डॉ. मोहन यादव ने मयंक की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को रेड क्रॉस की ओर से 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। सीएम ने त्योंथर जनपद के सीईओ और एसडीओ, पीएचई के एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।मयंक शुक्रवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरा था। वह खेत में बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान खेत में ही खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। बच्चे की मां शीला आदिवासी अपनी मासूम बेटी को गोद में लेकर रातभर घटनास्थल पर बैठी रही।