रीवा में बेटे के जिंदा होने की उम्मीद, कुलदेवी के मंदिर में कब्र की मिट्टी रख परिजन कर रहे पूजा-अर्चना

MP Rewa News: खीरा गांव की निवासी रीतू कोल का दावा है कि देवी मां ने उसके सपने में आकर वरदान दिया है कि उसका मृत बेटा जिंदा हो जाएगा.

Update: 2022-08-20 06:13 GMT

MP Rewa News: अंधविश्वास कहें या फिर भगवान के प्रति आस्था, लेकिन आज भी मृत बेटे या परिजनों को जिंदा करने के प्रयास देश के किसी न किसी हिस्से में किए ही जाते रहते हैं। कभी ये मामले सामने आ जाते हैं तो कभी दब जाते हैं। कभी कोई मृत व्यक्ति जिंदा हुआ हो ऐसा तो कभी देखने में नहीं आया, लेकिन उम्मीद और आस्था ऐसी कि प्रयास करने में कोई कमी नहीं रहती। एक ऐसा ही मामला रीवा जिले के सगरा थाना क्षेत्र के बक्क्षेरा गांव में देखने को मिला है। बताया गया है कि रायपुर कर्चुलियान थाना के खीरा गांव की निवासी रीतू कोल का दावा है कि देवी मां ने उसके सपने में आकर वरदान दिया है कि उसका मृत बेटा जिंदा हो जाएगा, सपने में देवी मां द्वारा दिए गए वरदान में उसे पूरी आस्था है। इसलिए वह कब्र की मिट्टी लेकर परिजन सहित बक्क्षेरा स्थित मंदिर आई है।

क्या है मामला

बताया गया है कि रीतू कोल के चार वर्षीय पुत्र अभी कोल की मृत्यू एक माह पूर्व अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई थी। बालक की मौत के बाद परिजनों ने विधि-विधान के साथ शव को दफनाने की प्रक्रिया की थी। इसी कड़ी में मृतक की मां रीतू के अनुसार गत दिवस उसे देवी मां ने पुत्र के जीवित होने का वरदान दिया है। देवी मां के बताए अनुसार ही वह कब्र की मिट्टी सहित फूल मंदिर में रखा था। दावा किया जा रहा है कि फूल अब हड्डी में बदल चुका है, देवी मां के अनुसार हड्डी में जान आएगी और बेटा जिंदा हो जाएगा।

जमा होती गई लोगों की भीड़

आम जन को जैसे-जैसे घटनाक्रम के बारे में जानकारी होती गई, वहां लोगों की भीड़ जमा होती गई। बताया गया है कि मंदिर परिसर में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। आस्था से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बना रखी है।

लग गया मेला, सज गई दुकानें

बक्क्षेरा गांव स्थित इस मंदिर में गुरूवार से इस परिवार ने कब्र की मिट्टी रख कर पूजा-अर्चना प्रारंभ की। देखते ही देखते मंदिर परिसर में मेला जैसा नजारा हो गया। भजन-कीर्तन शुरू हो गया। मंदिर परिसर के आस-पास प्रसाद की दुकानें लग गई। भक्तों द्वारा भण्डारा किया जा रहा है। गौरतलब है कि आस्था के केन्द्र बने मंदिर में जिस उद्देश्य को लेकर पूजा-अर्चना शुरू की गई वह सफल हो पाता है या नहीं इसका पता तो आने वाले समय में ही चल पाएगा। लेकिन फिलहाल मंदिर इस समय जिले के साथ ही प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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