Diamond Store in Rewa / रीवा के इन इलाकों में है हीरों का भंडार, नए सिरे से कंपनी बुलाने की तैयारी में मध्य प्रदेश सरकार
रीवा. रिलायंस इंडस्ट्री (Reliance Industry) रीवा में हीरा (Diamond in Rewa) तलाशने में लगी थी. दो पीएल की फाइलें केन्द्र के पास डंप थी. इन फाइलों को केन्द्र ने निरस्त कर दिया है. इतना ही नहीं अब हीरा तलाशने के लिए कंपनियों को ऑफर देने का मौका मध्य सरकार को दे दिया है. उम्मीद है कि रीवा में हीरों की तलाश करने कई और बड़ी कंपनियां सामने आएंगी.
रीवा. रिलायंस इंडस्ट्री (Reliance Industry) रीवा में हीरा (Diamond in Rewa) तलाशने में लगी थी. दो पीएल की फाइलें केन्द्र के पास डंप थी. इन फाइलों को केन्द्र ने निरस्त कर दिया है. इतना ही नहीं अब हीरा तलाशने के लिए कंपनियों को ऑफर देने का मौका मध्य सरकार को दे दिया है. उम्मीद है कि रीवा में हीरों की तलाश करने कई और बड़ी कंपनियां सामने आएंगी.
ज्ञात हो कि विंध्य की धरती अपने सीने में खनिज का भंडार दबाए हुए है. अब इस खनिज सम्पदा का खुलासा धीरे-धीरे सर्वे से हो रहा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज प्राइवेट को सरकार ने हीरा तलाशने की जिम्मेदारी दी थी. वर्ष 2009 में प्रारंभिक तौर पर रिलायंस को 795 वर्ग किमी में सर्वे की अनुमति मिली थी.
प्रारम्भिक सर्वे में 4 गाँव चिन्हित
इस प्रारंभिक सर्वे में त्योंथर के तीन और मऊगंज का एक गांव चिन्हित हुआ था. त्योंथर में सोहागी, पुरवा, मझिगवां में 420 हेक्टेयर, मऊगंज के ग्राम आदासरई में 77.64 हेक्टेयर भूमि में सर्वे के लिए प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस की डिमांड की गई थी.
पीएल की फाइल शासन से स्वीकृति के लिए पहले ही केन्द्र सरकार के पास भेज दी गई थी. यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि केन्द्र सरकार पीएल की फाइल को हरी झंडी दे देगी. इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड मुंबई दिसंबर 2020 से रीवा में आमद दर्ज करा सकती है.
पेंडिंग फाइलें निरस्त
हालांकि इस उम्मीद पर पानी फिर गया. केन्द्र सरकार ने नया गजट नोटिफिकेशन जारी कर पुराने नियमों में संशोधन कर दिया. नए नियम के तहत वर्ष 2015 के पहले की पेडिंग फाइलें निरस्त कर दी गई.
नई कंपनियां भी लगा सकेंगी दांव
अब नए सिरे से हर ब्लॉक के लिए टेंडर की प्रक्रिया बुलाने का पॉवर भी केन्द्र ने राज्य सरकार को दे दिया है. नए नियम के तहत अब रीवा में हीरों की तलाश के लिए पीएल की अनुमति राज्य सरकार देगी. इस नए नियम से रिलायंस के अलावा और भी बड़ी कंपनियां दांव लगा सकेंगी.
इतना ही नहीं जो फाइलें 12 सालों से केन्द्र के पास फंसी थी, वह भी अब जल्द ही क्लियर होंगी. सरकार के इस फैसले से रीवा के लोगों का इंतजार थोड़ा और बढ़ जाएगा. जो काम हाल फिलहाल शुरू होना था. उसमें फिर कुछ और समय लगना तय है. हालांकि कई कंपनियां मैदान में आएंगी.