मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार: बैंक मैनेजर, सरपंच, सचिव, उपयंत्री व सहायक यंत्री को 5-5 साल की जेल, रीवा लोकायुक्त टीम ने की थी कार्रवाई
फर्जी मस्टर रोल भरकर आर्थिक अनियमितता करने वाले पांच आरोपियों को न्यायालय ने पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है।
रीवा। फर्जी मस्टर रोल भरकर आर्थिक अनियमितता करने वाले पांच आरोपियों को न्यायालय ने पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। लोकायुक्त ने मामले पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। सत्येंद्र सिंह तत्कालीन सरपंच झिना, दीपक चौरसिया सचिव, अजीत चौबे तत्कालीन बैंक मैनेजर शारदा ग्रामीण बैंक झिन्ना, सत्येंद्र पटेल उपयंत्री एवं समीर कुमार श्रीवास्तव सहायक यंत्री को पद के दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किए जाने के प्रकरण में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सतना के न्यायालय ने सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत झिन्ना जनपद पंचायत अमरपाटन सतना के द्वारा मनरेगा योजनाओं में 4 लाख 52 हजार 634 रूपये की अनियमितता / भ्रष्टाचार पर तत्कालीन सरपंच व सचिव को 5-5 वर्ष के कारावास एवं 30-30 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ शारदा ग्रामीण बैंक झिन्ना के तत्कालीन बैंक मैनेजर अजीत चौबे, उपयंत्री सतेन्द्र पटेल, सहायक यंत्री समीर कुमार श्रीवास्तव को भी मामले में दोषी पाए जाने पर 5-5 वर्ष के कारावास एवं 28- 28 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
ऐसे किया था लाखों का गोलमाल
मार्च 2012 में ग्राम पंचायत झिन्नाा अमरपाटन सतना के तत्कालीन सरपंच व बैंक मैनेजर के विरुद्ध ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत कराए जा रहे विकास कार्यों में शासकीय कर्मचारी नाबालिग, विकलांग, एवं मृतक व्यक्तियों का नाम मजदूरों के रूप में फर्जी रूप से मस्टर रोल में भरने एवं फर्जी भुगतान करने के संबंध में ग्रामवासियों ने लोकायुक्त भोपाल को सामूहिक शिकायत की थी। शिकायत की जांच के उपरांत आरोपीगणों के विरूद्ध 22 फरवरी 2013 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
विवेचना में फर्जी मस्टर रोल भरकर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने एवं रोड के निर्माण में कुल 452634 रूपये की अनियमितता प्रमाणित पाई गई। इसके बाद 2015 में अभियोग पत्र विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सतना में पेश किया गया। मामले में अभियोजन द्वारा शुक्रवार को 33 गवाहों का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद अभियुक्तगणों को कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया है। सुनवाई के बाद आरोपियों का जेल वारंट बनाकर केन्द्रीय कारागार सतना में दाखिल कराया गया है।