रीवा: माहौल हुआ पुराना अब अल्प्राजोलम का जमाना! लोग खा रहे पागल करने वाली पिल, पुलिस का मूड जस्ट चिल
Alprazolam Consumption In Rewa: बच्चे से लेकर जवान अल्प्राजोलम को ऐसे खाते हैं जैसे रेवड़ीदाना
रीवा में अल्प्राजोलम का नशा: जैसे-जैसे जनरेशन आगे बढ़ती है वैसे-वैसे लोगों की आदतों में परिवर्तन आता है. जैसे पहले लोग तंबाकू चबाते थे तो उसके बाद की जनरेशन गुटखा खाने लगी, जैसे रीवा अबतक माहौल के लिए प्रख्यात था तो अब अल्प्राजोलम के लिए फेमस हो रहा है. ये न्यू रीवा है बॉस जहां नन्हे-मुन्हे बच्चे की मुट्ठी में तकदीर की लकीरों से ज़्यादा नींद की गोलियां नज़र आने लगी हैं. और युवा वर्ग तो ऐसा है कि जबतक सुबह-सुबह 10-12 नींद की गोली ना जाएं तबतक आंख ही नहीं खुलती है. ऐसे में एक नई जनरेशन की शायरी सुन लीजिये जो रीवा पुलिस को हम डेडिकेट करना चाहते हैं
माहौल हुआ पुराना अब अल्प्राजोलम का है जमाना!
लोग खा रहे पागल करने वाली पिल, पुलिस का मूड जस्ट चिल चिल जस्ट चिल..
मजा आया? लेकिन चुभता भी होगा, ऐसा ही मजा और दर्द देने वाला नशा रीवा जिले में इतनी तेज़ी से फ़ैल चुका है जितना चीन में कोरोना फ़ैल रहा है. माहौल का सेवन तो परमानेंट हैं मगर अब नींद की गोली जिसे अल्प्राजोलम (Alprazolam) कहते हैं वो मदहोश करने की नई दवा बन गई है. एक दो गोली नहीं लोग 10-12 पिल्स एक बार में निगल रहे हैं. धीरे-धीरे Alprazolam कोडीन की शीशी को रिप्लेस कर रही है. इसकी वजह यही है पान मसाले की कीमत से भी कम में यह आसानी से उपलब्ध है. और जो अल्ट्रा लेजेंड टाइप के लोग हैं वो माहौल भी पीते हैं और अल्प्राजोलम भी ऐसे चबा-चबा के खाते हैं जैसे लाई-मुरमुरा।
कुछ दिन पहले रीवा में पुलिस ने नशे के खिलाफ ऐसा एक्शन लिया था कि गांजा का सेवन करने वाले भटक-भटक कर सेहतमंद हो गए थे. लेकिन इस दौरान भी अल्प्राजोलम जी सप्लाई बंद नहीं हुई थी क्योंकि पुलिस ऐसे ठिकानों में गई ही नहीं जहां यह नींद की गोली मिलती है. जैसे किराने की दुकान, दवाई की दुकान। और नशे के खिलाफ जो अभियान जितना टिका उससे ज़्यादा तो अल्प्राजोलम का नशा टिकता है. हालत वैसे ही हैं जैसे पहले थे. पुलिस को नशे के अड्डे उसी तरह नज़र आना बंद हो गए हैं जैसे सरकारी अधिकारी को पिटवाने वाले नेता (ये कुछ ज़्यादा ही हो गया)
अल्प्राजोलम क्या है लोग इसे क्यों खा रहे हैं
What Is Alprazolam: अल्प्राजोलम का इस्तेमाल Anxiety और Panic Disorder के इलाज में किया जाता है। यह बेंजोडायेजेपीन (Benzodiazepine) से संबंधित ड्रग है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम (Central nervous system) को शांत या सुन्न कर देता है। यह शरीर में कुछ नैचुरल केमिकल जैसे , GABA) के प्रभाव को बढ़ा देती है.
जिन लोगों को नींद, बेचैनी और घबराहट की शिकायत होती है उसे डॉक्टर्स अल्प्राजोलम प्रिस्क्राइब कर देते हैं और ये भी कहते हैं कि इसे तभी लेना है जब परेशानी हो. क्योंकि यह दिमाग और नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालती है इसी लिए कोई भी मेडिकल दुकान वाला इसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के नहीं बेंच सकता।
अल्प्राजोलम खाने से क्या नुकसान होता है
Disadvantages Of Alprazolam: मान लीजिये की आप या आपके पहचान वाला कोई व्यक्ति जैसे बच्चा, युवा, बुजुर्ग इसे खाता है तो यह उसके दिमाग में सीधा असर डालता है. सोचने-समझने, जवाब देने की क्षमता खत्म होने लगती है. जो लोग इसका नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं उन्हें समझ में ही नहीं आता है कि दुनिया में चल क्या रहा है? ये तो वो नुकसान हैं जो पिल्स खाने के तुरंत बाद दिखना शुरू हो जाते हैं. असली घातक नुकसान तो अब मालूम चलेगा
- सबसे पहले सांस की समस्या होगी
- चेहरे-जीभ, होंठ और गाल में सूजन होने लगेगी। शरीर फूलने लगेगा
- सुसाइड के खयाल आने लगते हैं, लगता है कि खुद को नुकसान पहुंचाएं, बिना वजह इंसान किसी भी बात पर झगड़ने लगता है. मरने-मुराने की बात करता है, याददाश्त खत्म होने लगती है
- कन्फूजन होना शुरू हो जाता है, तर्क शक्ति खत्म होने लगती है, कोई भी आसानी से भ्रमित कर देता है, अच्छी चीज़ें सिखाने वाले दुश्मन लगते हैं
- सीने में दर्द होता है, दिल की धड़कने तेज़ होने लगती हैं, BP बढ़ जाता है,
- नींद नहीं आती है, और जब नींद नहीं आती है तो पीड़ित और ज़्यादा गोली खाता है. जो अंदर के नर्वस सिस्टम की भजिया फाड़ के धर देता है
- मांसपेशियों में कंट्रोल नहीं रह जाता, शरीर हिलने-डुलने लगता है. कुछ समय पर दौरे पड़ते हैं. इतना खतरनाक दौरा पड़ता है कि देखने वालों की आत्मा शरीर से बाहर निकल जाती है
- अंत में जब अल्प्राजोलम का असर चरम पर होता है तो या नशे की लत का शिकार एक मानसिक रोगी बन जाता है, और रोगी बनने के बाद भी खाता रहा तो हाई बीपी के कारण हार्ट अटैक आता है और जीवन समाप्त।
- बाकी उल्टी, कब्ज, पसीना चलना, जुबान लड़खड़ाना, शरीर में सूजन होना, बेहोश होना, नाक बंद होता, सिर चकराना ये सब तो आम बात हो जाती है. फिर सभी मर्ज की एक ही दवा लगती है अल्प्राजोलम।
क्यों बिक रहा है फिर?
अल्प्राजोलम उनके लिए बिकता है जिन्हे इसकी जरूरत है. जैसे कोडीन उनके लिए बिकती है जिन्हे खांसी और कफ है. लेकिन इसे फ्रूटी की तरह वो पीते हैं जिन्हे इसकी लत है. वैसे ही अल्प्राजोलम के साथ सीन है. ये मेडिकल स्टोर में बिकती है और इसे पाना उतना ही आसान है जितना दारु खरीदना। और जिन्हे बीड़ी-सिगरेट बेचने वाले गरीबों की गुमटियां उजाड़ने से फुरसत मिले तब नशे की गोली को लेमिनचूस की तरह बांटने वालों के खिलाफ एक्शन लें