भोपाल सुसाइड केस: विश्वकर्मा परिवार के शव रीवा आए, परिजन धरने पर बैठे, उच्च स्तरीय जांच की मांग

Bhopal Suicide Case: 14 जुलाई की सुबह से विश्वकर्मा परिवार अपने बेटे-बहु और पोतों का शव सड़क में रखकर धरना दे रहा है, 10:30 बजे तक कोई प्रशासनिक अधिकारी पीड़ित परिवार के पास नहीं गया

Update: 2023-07-14 05:23 GMT

भोपाल आत्महत्या कांड: गुरुवार 13 जुलाई को भोपाल रातीबड़ शिव विहार कालोनी में रह रहे रीवा के विश्वकर्मा परिवार ने आत्महत्या कर ली. अपने 3 और 9 साल के दो बेटों को सल्फास देने के बाद पति-पत्नी ने फांसी के फंदे से लटक कर अपनी जान लेली। अगले दिन 14 जुलाई को चारों मृतकों के शव रीवा के अमवा गांव में लाए गए. सुबह पीड़ित विश्वकर्मा परिवार ने शवों को सड़क पर रखकर धरना दे दिया और उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई। दुर्भग्य से यह खबर लिखने तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए नहीं पहुंचा। 


संस्कार स्थल के निकट किटवारिया बाईपास में सुबह से मृतक भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) पत्नी ऋतू विश्कर्मा (35)  ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) के शव रखे हुए हैं. पीड़ित परिवार और पूरा गांव बाईपास में जांच का आश्वाशन मिलने के इंतजार में बैठा हुआ है. यहां कोई प्रशासनिक अधिकारी या नेता नहीं पहुंचा। जो दुःखी परिवार की मांगो को सुन सके. 

भोपाल सुसाइड केस 

गौरतलब है कि भूपेंद्र विश्वकर्मा साइबर ठगी का शिकार हुए थे. जिस कोलंबियाई कंपनी www.csyonllem.com में वो काम करते थे, उसी के लोगों ने उन्हें कर्ज में डुबा दिया और पैसे ऐठनें के लिए उनके लैपटॉप-मोबाइल को हैक कर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। साइबर क्रिमिनल्स ने भूपेंद्र विश्वकर्मा की निजी तस्वीर और वीडियोस को एडिट कर उनके परिवार वालों को भेज दिए. अंत में भूपेंद्र यादव को अपने दो बच्चों की जान लेने और पत्नी के साथ आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया। 


भूपेंद्र विश्वकर्मा के पिता शिवनारायण विश्वकर्मा और उनके पूरे परिवार की मांग है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. जो दोषी हैं उनके पकड़ा जाए. ना जानें ऐसे कितने लोगों के साथ यह कंपनी ऐसे ही ब्लैकमेल कर रही होगी। ऑनलाइन कर्ज के चक्कर में एक खुशहाल परिवार 4 शवों में बदल गया है. ऐसे में सरकार और प्रशासन बिना कोई एक्शन लिए कैसे रह सकता है? 

उच्च स्तरीय जांच की मांग 

अमवा गांव का विश्कर्मा परिवार अपने बेटे, बहु और पोतों के लिए न्याय की मांग कर रहा है. प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचने के लिए मृतकों के शवों को बाईपास में रखकर रास्ते को बंद कर दिया गया है. पीड़ित परिजनों की मांग है कि जबतक उनके पास आकर कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकारी उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन नहीं देता है तबतक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। 


गौरतलब है कि यह इंटरनेशनल स्तर पर हुआ साइबर फ्रॉड है, जिसका भूपेंद्र विश्वकर्मा शिकार हुए हैं. दोषियों को सिर्फ लोकल पुलिस के मत्थे नहीं पकड़ा जा सकता। इसी लिए परिवार इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराना चाहता है ताकि जहां-जहां तक ऐसी ऑनलाइन ठगी और ब्लैकमेलिंग करने वाली कंपनियों का नेटवर्क है उसे तोडा जा सके और मृतकों को न्याय मिल सके. 

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