भारी बमबारी के बीच बॉर्डर के नजदीक पहुंची यूक्रेन में फंसी 'रीवा की दो बेटियां', जल्द ही भारत पहुंचेगी

मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए रीवा से यूक्रेन गई दो बेटियां बीते कई दिनों से दहशत के साए में थीं। अब दोनों खतरे वाले क्षेत्रों से दूर दूसरे देशों के बार्डर के नजदीक पहुंची हैं।

Update: 2022-03-02 04:42 GMT

रीवा। मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए रीवा से यूक्रेन (Rewa to Ukraine) गई दो बेटियां बीते कई दिनों से दहशत के साए में थीं। अब दोनों खतरे वाले क्षेत्रों से दूर दूसरे देशों के बार्डर के नजदीक पहुंची हैं। शहर के रतहरा मोहल्ले की सृष्टि सिंह एक दिन पहले ही रोमानिया बार्डर की ओर रवाना हुई थी लेकिन बीच में ही रोक दिया गया। वहां के विनिष्टा मेडिकल यूनिवर्सिटी में सृष्टि सहित अन्य छात्रों को ले जाया गया। जहां से 50 छात्रों के दल को मंगलवार को सायं हंगरी के बार्डर की ओर रवाना किया गया।

देर रात वह बार्डर के नजदीक पहुंचने वाली थी। वहां पर मदद के लिए सोनू सूद फाउंडेशन (Sonu Sood Foundation) की टीम पहुंच गई है। देर शाम परिजनों से सरकार के अधिकारियों ने भी बात की और आश्वासन दिया है कि जल्द ही सृष्टि सहित अन्य छात्रों को सुरक्षित देश वापस लाया जाएगा। वहीं रीवा की दूसरी मेडिकल छात्रा नुशरत जहां को भी मेडिकल यूनिवर्सिटी ने किराया जमा कराने के बाद बस उपलब्ध कराई है। जिसमें सवार होकर कई छात्र रोमानिया बार्डर की ओर रवाना हुए हैं।

नुशरत ने परिजनों को बताया है कि यह बस मंटोबा तक पहुंचाएगी। जहां से रोमनिया बार्डर 20 किलोमीटर दूर है। उस स्थान तक जाने के लिए कोई भी सड़क या रेल सुविधा नहीं है। करीब 20 किलोमीटर की दूरी मेडिकल छात्रों एवं अन्य भारतीयों को पैदल चलकर पूरी करनी होगी। जब तक बेटियां अपने घर सुरक्षित नहीं लौटेंगी तब तक परिजनों की चिंता बनी रहेगी।

ब्रिगेडियर सिंह की घर पहुंचे

रीवा के रहने वाले ब्रिगेडियर सिंह यूक्रेन से 28 फरवरी को दिल्ली आने के बाद घर पहुंच गए। ब्रिगेडियर वहां मेडिकल के पहले वर्ष के छात्र हैं और हाल 30 जनवरी को ही में यूक्रेन गए थे। बताया कि पिता करतार सिंह शिक्षक व माता पुष्पा सिंह गृहणी हैं। जिस दिन से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला घर में सब चिंतित थे। हम जिस उजरोज में रहते थे वह यूक्रेन की राजधानी कीव से 850 किमी दूर पश्चिमी सीमा पर हंगरी बॉर्डर से लगा है। अभी युद्ध जैसा माहौल नहीं था लेकिन बॉर्डर का इलाका होने से सड़कों पर पलायन करने वाले लोगों की भीड़ ही भीड़ थी। लोग कीव से भागकर किसी तरह बॉर्डर पार करना चाहते थे। 21 फरवरी से वहां सब कुछ बंद सा हो गया था। हम लोगों को हॉस्टल से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। बाजार पूरी तरह बंद थे। मेस में जो भी था, उसे सभी में थोड़ा-थोड़ा दे दिया जाता था।

सांसद ने परिजनों से की बात

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने मेडिकल छात्रा सृष्टि सिंह के पिता प्रदीप सिंह से बात की और पूरा भरोसा दिया है कि सरकार सभी छात्रों को यूक्रेन से सकुशल लाने के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कई मंत्रियों को भी दलों का नेतृत्व करने के लिए जिम्मेदारी दी है। प्रदीप सिंह ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में भी मदद मांगी है, जहां से अधिकारी संपर्क में हैं। पुलिस के अधिकारी भी जानकारी लेकर गए हैं।

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