रीवा में जर्जर सड़क की वजह से एम्बुलेंस घर तक नहीं पहुंची, मां ने एकलौते बेटे को खो दिया

मां बोली- सड़क अच्छी होती तो समय पर पहुंच जाते अस्पताल, एकलौते बेटे को खो दिया।;

Update: 2022-08-06 03:25 GMT

Rewa Riyasat News

रीवा. रात में भोजन कर बेटे को सुलाया था. लेकिन देर रात से दस्त शुरू हो गई. तबियत ज्यादा बिगडने पर एम्बुलेंस के लिए फोन लगाया. लेकिन रास्ता खराब होने की बात कहते हुए एम्बुलेंस चालक ने गांव तक पहुंचने से इंकार कर दिया. सुबह होते होते तबियत और बिगड़ गई. एम्बुलेंस वहां तक पहुंची, जहां तक रास्ता ठीक था. लगभग दो किलोमीटर बाइक से बच्चे को लेकर पहुंचे. इसके बाद एम्बुलेंस से अस्पताल लेकर गए. लेकिन समय पर उपचार न मिलने की वजह से मासूम की जिन्दगी नहीं बच पाई.

जिले के सेमरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रमपुरवा निवासी पूनम साकेत ने कहा कि यदि सड़क होती तो बच्चे सिद्धार्थ पिता नागेन्द्र का समय पर इलाज शुरू हो जाता. यदि समय पर इलाज होता तो वह जिन्दा होता.

पूनम ने बताया कि 18 माह के बेटे को काफी दस्त हुए. वह दस्त से पस्त हो गया था. एम्बुलेस के लिए फोन लगाते रहे. अंततः सुबह 9 बजे एम्बुलेंस पहुंची. गांव से एगुआ तक बाइक से लेकर बच्चे को गए. वहां से एम्बुलेंस से बच्चे को सिरमौर अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां सही इलाज शुरू नहीं हुआ. कहते रहे कि रीवा रेफर कर दो. रेफर की बात करने पर उसके साथ बदतमीजी की गई.

आठ सौ रुपए में ऑटो कर रीवा लाए

पूनम ने बताया कि वह अपने 18 माह के बेटे सिद्धार्थ की हालत देख आठ सौ रुपये में ऑटो कर रीवा लेकर आई. लेकिन यहां जीएमएच पहुंचने से पहले ही उसकी सांस टूट चुकी थी. अस्पताल में चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया.

इकलौता बेटा था सिद्धार्थ

18 माह का सिद्धार्थ अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. बेटे की मौत से माँ का बुरा हाल था. पूनम ने बताया कि गांव के रास्ते में बड़ी नहर पड़ती है. रास्ते में गड्ढे ही गड्ढे हैं. बारिश का मौसम होने की वजह से इस समय काफी कीचड़ है. इसलिए वाहनों की आवाजाही कठिन हो जाती है. यही वजह है कि गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई.

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