Rewa-Singrauli Rail Line: सीधी से बरगवां तक बनाई जानी हैं 17 सुरंग, यहां बन रही 3 टनल का कार्य जल्द होगा पूर्ण
Lalitpur-Singrauli Rail Project: मध्यप्रदेश के ललितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट अंतर्गत दो टनल आगामी चार माह में तैयार कर लिए जाने की संभावना है। जबकि एक टनल लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। वहींगोविन्दगढ़ में एक टनल पहले ही तैयार हो चुकी है।
मध्यप्रदेश के ललितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट अंतर्गत दो टनल आगामी चार माह में तैयार कर लिए जाने की संभावना है। जबकि एक टनल लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। वहींगोविन्दगढ़ में एक टनल पहले ही तैयार हो चुकी है। बताया गया है कि रीवा से बरगवां के बीच छोटी-बड़ी मिला कर कुल 21 टनल बनाई जानी है। रीवा से गोविन्दगढ़ के बीच ग्रामीणों ने रेल लाइन का काम बंद करा रखा है।
सीधी जिले में चल रहा टनल का काम
गोविन्दगढ़ के बाद सीधी जिले में टनल बनाने का कार्य किया जा रहा है। गोविन्दगढ़ में 3300 मीटर टनल निर्माण पहले ही करा लिया गया था। जबकि चुरहट और सीधी के बीच दो और टनल बनाने का कार्य अंतिम चरण की ओर है। बताया गया है कि इन दो टनल का निर्माण आगामी चार माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
2025 तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य
हासिल जानकारी के मुताबिक रीवा से सीधी के बीच पहाड़ में टनल बनाकर ट्रेन चलाई जानी है। जिसकी वजह से इस रेल प्रोजेक्ट में टनल की संख्या ज्यादा हो गई है। सीधी के बाद 17 और टनल का निर्माण होना है। जिसके लिये अभी टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। रेलवे का लक्ष्य मार्च 2025 तक ट्रेन चलाने का है लेकिन जिस तरह से रीवा से गोविंदगढ़ रेल लाइन का काम ग्रामीणों ने रोक रखा है उससे माना जा रहा है कि रीवा से सीधी के बीच ट्रेन चलाना संभव नहीं हो पाएगा।
अब तक 20 किलोमीटर बिछी रेलवे लाइन
बताया गया है कि इस रेल प्रोजेक्ट में अभी तक सिर्फ रीवा से गोविन्दगढ़ 20 किलोमीटर ही रेलवे लाइन बिछाई जा सकी है। गोविन्दगढ़ के बाद लाइन बिछाने का काम अभी शुरू नहीं हो सका है। गौरतलब है कि रीवा से गोविंदगढ़ तक रेल की पटरियां तो बिछा दी गई हैं लेकिन अभी उसमें रेल नहीं दौड़ सकी है। ग्रामीणों ने रेल का काम ही रोक रखा है जिसकी प्रमुख वजह रेल नियमों में बदलाव को बताया जा रहा है। गौरतलब है कि रेल प्रशासन द्वारा जिन किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई थीं, उसके नियम में बदलाव करते हुए अब केवल 5 लाख रुपए देने का ही प्रावधान रखा गया है। जिसकी वजह से किसान नाराज हैं और वह काफी समय से गोविंदगढ़ में धरना प्रदर्शन कर विरोध कर रहे हैं।