REWA में किसानो का 160 करोड़ का भुगतान बाकी, अब होगा ये...
REWA: जिले में किसानों के खाते में 160 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य नहीं पहुंचा। अन्नदाता उपज की कीमत के लिए अफसरों की चौखट पर चक्कर लगा रहे हैं। परिवहनकर्ता की शिथिलता के चलते अभी तक स्वीकृत पत्रक जारी नहीं हो सका है जिससे किसानों का सयय से भुगतान नहीं हो रहा है। किसानों को इस बात का भय सता रहा है कि चार दिन बाद केन्द्रों पर तौल बंद हो जाएगी। पंजीयन की अपेक्षा कोरोना संक्रमण काल में किसान केन्द्रों पर उपज की तौल करने के लिए नहीं पहुंचे। इसको लेकर प्रशासन फील्ड में फीडबैक जुटाने में जुटा है।
जिले में २२ मई की स्थित में ११.५० लाख क्विंटल गेहूं की तौल हुई है। ३० हजार से अधिक किसान उपज की तौल करा चुके हैं। पंजीयन के मुताबिक अभी लगभग बीस हजार किसानों ने उपज की तौल नहीं कराई है। मैसेज एडवांस भेजने के बाद भी आवक की रफ्तार नहीं बढ़ी। रेकार्ड के अनुसार उपार्जन केन्द्रों पर किसानों की २२० करोड़ रुपए कीमत की गेहूं की तौल हो चुकी है। जबकि अभी तक किसानों के खाते में महज ६० करोड़ रुपए समर्थन मूल्य पहुंचा है। किसानों के खाते में समय से भुगतान नहीं होने के चलते परेशानी बढ़ गई है। कुछ किसान इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि कोरोना संक्रमणकाल में तौल के बाद कहीं समर्थन मूल्य का भुगतान प्रभावित न हो जाए। किसानों के खाते में समय से भुगतान नहीं होने के चलते किसान परेशान हैं।
जिले में 14 अप्रैल से तौल चालू हो गई। शुरू के 15 दिन तक केन्द्रों पर तौल की रफ्तार धीमी रही। उपार्जन के लिए शासन ने ५० हजार किसानों को मैसेज भेजा है। लेकिन, अभी तक केन्द्रों पर ३०,४९० किसान उपज की तौल की है। जबकि करीब १७ हजार किसानों को तौल के लिए दोबारा मैसेज भेजा गया है। इस बार तौल केन्द्रों पर किसानों को भेजे गए मैसेज की अपेक्षा किसान नहीं पहुंचे।
सीजन में सबसे अधिक तौल 82972 क्विंटल
चालू सीजन में अब तक सबसे अधिक तौल 21 जनवरी को केन्द्रों में हुई। इस दिन केन्द्रों पर ऐसे किसानों को छूट दी गई थी कि जिनको मैसेज भेजा गया था और तौल नहीं करा पाए थे। इसकी सूचना पर केन्द्रों पर भीड़ रही। एक दिन में सबसे अधिक तौल ८२९७२ क्विंटल तौल हुई है।[signoff]