रीवा जिले की 148 सेवा सहकारी समितियां होंगी हाईटेक, एक क्लिक में मिलेंगी यह जानकारियां

Rewa News: एमपी रीवा का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भी हाईटेक होने जा रहा है। जल्द ही सहकारी समितियों को कम्प्यूटरीकृत करने की कवायद शुरू की जाएगी।

Update: 2023-05-08 07:05 GMT

एमपी रीवा का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भी हाईटेक होने जा रहा है। जल्द ही सहकारी समितियों को कम्प्यूटरीकृत करने की कवायद शुरू की जाएगी। यह कम्प्यूटराइजेशन नाबार्ड के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए एक राज्य स्तरीय बैठक कर निर्णय लिया गया है। बताया गया है कि समितियों में कम्प्यूटरीकरण के बाद किसानों के सभी डाटा वसूली और ऋण वितरण की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। जिससे जिला मुख्यालय में बैठे अधिकारी भी समितियों की जानकारी एक क्लिक में ले सकेंगे। हालांकि यह काम कई चरणों में किया जाएगा जिसमें समय भी लग सकता है। बताया गया है कि समितियों के ऑनलाइन होने के बाद वहां होने वाली वित्तीय गड़बड़ियों पर नजर रखी जा सकेगी।

सभी कार्य होंगे ऑनलाइन

रीवा जिले में 148 सेवा सहकारी समितियां संचालित हो रही हैं। जिसमें कम्प्यूटर किसी भी समिति में नहीं है ऐसे में धान व गेहूं उपार्जन की वजह से लगभग एक सैकड़ा समितियों को लैपटाप उपलब्ध कराए गए हैं। जिन समितियों के पास कम्प्यूटर नहीं हैं उन्हें कम्प्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही समिति के कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस संबंध में बताया गया है कि समितियों को किस तरह ऑनलाइन किया जाना है और इससे क्या लाभ होगा। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक जिले की सभी समितियां कम्प्यूटरीकृत कर दी जाएंगी और सभी कार्य ऑनलाइन होंगे। बता दें कि वर्तमान समय में सभी सहकारी समितियों में ऑफलाइन कार्य ही किए जा रहे हैं। यदि समितियों को ऑनलाइन कर दिया जाता है तो होने वाली न सिर्फ गड़बड़ियां रुक सकेंगी बल्कि किसानों को भी सहूलियत होगी।

नहीं लगाने पड़ेंगे कार्यालयों के चक्कर

जिले की सभी सेवा सहकारी समितियां अभी भी ऑफलाइन कार्य कर रही हैं। यदि इन्हें ऑनलाइन शुरू किया जाएगा तो किसानों को अधिकारियों व समिति प्रबंधकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऋण वसूली से लेकर सभी चीजें ऑनलाइन हो जाएंगी, ऐसे में किसान अपने जमा किए गए ऋण व उसके ब्याज की सटीक जानकारी बैंकों से ले सकेंगे तो वहीं खाद-बीज के लिए मिलने वाले ऋण की जानकारी भी उन्हें आसानी से मिल सकेगी। अभी ऑफलाइन प्रक्रिया होने की वजह से समिति प्रबंधक के माध्यम से यह सब जानकारी किसानों को मिल पाती है। सभी कार्य ऑनलाइन होने के बाद एक क्लिक में जानकारियां प्राप्त की जा सकेंगी। जिससे लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।

Tags:    

Similar News