रीवा में 10 मॉडल ग्राम पंचायतें होंगी विकसित, कलेक्टर ने दिए निर्देश
कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने खनिज मद से स्वीकृत कार्यों तथा सांसद-विधायक क्षेत्रीय विकास निधि से स्वीकृत कार्यों की समीक्षा की।
रीवा: कलेक्टर ने कहा कि खनिज मद से स्वास्थ्य एवं शिक्षा के विकास को प्राथमिकता दें। पेयजल व्यवस्था तथा आजीविका से जुड़े कार्यों को भी इसमें शामिल करें। जिले में क्लस्टर में 10 मॉडल ग्राम पंचायतें विकसित करें जिनमें खनिज मद से स्वच्छता से जुड़े कार्य कराएं। इन पंचायतों में कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था करें। ग्राम पंचायतें स्वच्छता के लिए छोटी सी राशि लेकर स्वच्छता संबंधी व्यवस्था बनाए रखें। खनिज मद से जिला अस्पताल में बहुत अच्छा कार्य किया गया है।
आवश्यकता होने पर वहाँ अन्य कार्य भी मंजूर किए जाएंगे। खनिज मद की अनुमानित राशि के अनुसार इस वर्ष की कार्य योजना तैयार करें। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सांसद तथा विधायकगणों की क्षेत्र विकास निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों की सघन मॉनीटरिंग करके उन्हें समय सीमा में पूरा कराएं। निर्माण कार्यों की प्रगति की हर माह समीक्षा की जाएगी। क्षेत्र विकास निधि के प्रस्ताव मिलने तथा राशि उपलब्ध होने पर 10 दिनों की समय सीमा में कार्य मंजूर करें। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे ने कहा कि खनिज मद से 64 करोड़ 19 लाख रुपए की कार्य योजना बनाकर 261 कार्य प्रस्तावित किए गए थे।
इनमें से 197 कार्य मंजूर किए गए हैं जिनकी कुल लागत 36 करोड़ 77 लाख रुपए है। इसमें गांधी मेमोरियल हास्पिटल के प्रसूति विभाग में निर्माण कार्य, जिला चिकित्सालय में दो करोड़ रुपए के निर्माण कार्य, विभिन्न कार्यों के लिए रेडक्रास को 1.5 करोड़ रुपए, पर्यावरण संरक्षण, पोस्टमार्टम रूम निर्माण तथा पहड़िया कचरा शोधन प्लांट के पास वृक्षारोपण कार्य मंजूर किया गया था। बसामन मामा गौवंश अभ्यारण्य के आसपास की आठ ग्राम पंचायतों में 261 मुर्गीपालन इकाईयाँ स्थापित कराई गई हैं। रक्तदान शिविरों के आयोजन, दिव्यांग बच्चों के छात्रावास में बाउण्ड्रीवाल निर्माण के लिए भी राशि मंजूर की गई है। बैठक में जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी डॉ संजय सिंह ने निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।