कौन हैं स्वामी दयानंद गिरि? जो विराट कोहली से लेकर प्रधानमंत्री मोदी के गुरु हैं

Who is Swami Dayanand Giri: विराट कोहली और अनुष्का शर्मा स्वामी दयानन्द गिरी के आश्रम पहुंचे हैं;

Update: 2023-01-31 13:00 GMT

Who is Swami Dayanand Giri: विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा इस समय सुर्ख़ियों का हिस्सा बने हुए हैं. लेकिन क्रिकेट और एक्टिंग के लिए नहीं बल्कि अपने धार्मिक-आद्यात्मिक भ्रमण के लिए. कुछ दिन पहले Virat Kohli और Anushka Sharma नीम करोली बाबा आश्रम गए थे और अब दोनों पति-पत्नी की जोड़ी स्वामी दनयांद गिरी (Swami Dayanand Giri) के आश्रम पहुंचे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक 31 जनवरी मंगलवार को विराट और अनुष्का यहां धार्मिक अनुष्ठान करने वाले हैं. 

कौन हैं स्वामी दयानन्द गिरी 

स्वामी दयानन्द गिरी विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के गुरु तो हैं ही साथ ही पीएम मोदी (PM Modi) भी उन्हें अपना गुरु मानते हैं. 2015 में पीएम मोदी उनसे मिलने के लिए आश्रम भी गए थे. पीएम मोदी के पहुंचने के बाद ही इस आश्रम को प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी. जिसके बाद कई दिग्गज नेता और अभिनेता यहां पहुंचते रहते हैं  

 विराट और अनुष्का ने यहां पहुंचकर ब्रह्मलीन दयानंद सरस्वती की समाधि के भी दर्शन किए और गंगा घाट पर संत-पंडितों के साथ गंगा आरती में भी शामिल हुए. 

दयानन्द गिरी आश्रम क्यों गए विराट अनुष्का 

 विराट कोहली और अनुष्का शर्मा अपने योगा ट्रेनर के साथ आश्रम में रुके हैं. रिपोर्ट की मानें तो वो 31 जनवरी की सुबह योग करने के बाद पूजा अर्चना करेंगे और फिर सार्वजनिक धार्मिक अनुष्ठान कर भंडारे का आयोजन करवाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, विराट ऑस्ट्रेलिया सीरीज में भारत के अच्छे प्रदर्शन के लिए आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचे हैं. 

स्वामी दयानन्द गिरी कौन हैं 

स्वामी दयानन्द गिरी को मोक्ष की प्राप्ति हो चुकी है. उनका निधन सितंबर 2015 में हो गया था. वे ऋषिकेश में दयानन्द आश्रम और कोयंबटूर के अर्श विद्या गुरुकुलम के शिक्षक थे. वे शंकर परंपरा और वेदांत के भी शिक्षक थे. उन्होंने 50 सालों तक देश और विदेश में वेदांत की शिक्षा दी है. स्वामी दयानन्द गिरी ने साल 2000 में ऑल इंडिया मूवमेंट फॉर सेवा संस्था की स्थापना की थी 

साल 2005 में उन्हें यूनाइटेड नेशन (UN) ने अवार्ड दिया था. दयानंद गिरि ने ऋषिकेश स्थित आश्रम की स्थापना 1960 के दशक में की थी. अपने निधन से पहले दयानंद गिरि ने इच्छा जताई थी कि वो अपनी आखिरी सांस अपने शिष्यों के सामने लेना चाहते हैं. जिसके बाद उन्हें अस्पताल से आश्रम ले जाया गया था.

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