RBI MPC Meeting News: रेपो रेट 2 वर्षों से स्थिर, नहीं बढ़ेगा EMI
RBI MPC Meeting News: मौद्रिक नीति समिति (MPC) की महत्वपूर्ण बैठक में RBI के गवर्नर ने जानकारी दी कि रेपो रेट को स्थिर रखा जाएगा और ब्याज की दरों में फिलहाल बढ़ोत्तरी नहीं होगी. इसका अर्थ ये हुआ कि साधारण लोगों पर EMI का बोझ नहीं बढ़ेगा.
Reserve Bank Of India News Today | RewaRiyasat: मौद्रिक नीति समिति (MPC) की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो चुकी है,आपको बता दें ये बैठक थी रिजर्व बैंक की जिसके बाद शक्तिकांत दास, जो RBI के गवर्नर हैं ने जानकारी दी है कि रेपो रेट को स्थिर रखा जाएगा और ब्याज की दरों में फिलहाल बढ़ोत्तरी नहीं होगी. इसका अर्थ ये हुआ कि साधारण लोगों पर EMI का बोझ नहीं बढ़ेगा.
इकोनॉमिक ग्रोथ प्रॉयरिटी (economic growth priority)
आपको बताया दें RBI की MPC की बैठक मंगलवार से लगातार चल रही थी. पहले बैठक की शुरुआत सोमवार से ही होने वाली थी और रिजल्ट बुधवार को आने वाला था. लेकिन लता मंगेशकर जी के निधन की दुखद सूचना के बाद ये बैठक आगे बढ़ा दी गई. बजट पेश होने के बाद ये पहली बैठक है. आपको बता दे कि ये MPC की यह बैठक फाइनेंशियल ईयर (FY 22) की आखिरी बैठक है. इस बैठक में सेंट्रल बैंक की तरफ से इकोनॉमी को प्रॉयरिटी दी गई. एक तरफ बढ़ती महंगाई का प्रेशर और दूसरी तरफ महामारी की तीसरी लहर के बीच ये बैठक हुई जिसका उद्देश्य इकोनॉमी को सहारा देना है.
दो सालों से रेपो रेट में वृद्धि नहीं हुई (REPO Rate 2022)
गवर्नर दास ने जानकारी दी कि रेपो रेट (Repo Rate) जिससे बैंक की ब्याज दर तय होती है वो अभी 4 फीसदी पर ही बना रहेगा. रेपो रेट के बढ़ने पर ब्याज बढ़ता है, और लोन के साथ साथ EMI भी बढ़ जाती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी देश में ब्याज दरों का रिकॉर्ड लो लेवल पर हैं. RBI की तरफ से कोरोना महामारी के कारण रेपो रेट को लगातार कम किया गया है. मई 2020 में रेपो रेट में बदलाव किया गया था. उस समय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट को 0.40 फीसदी घटा दिया गया था, जिसके बाद से रेपो रेट 4 फीसदी के लो लेवल पर है. रिजर्व बैंक की ये बैठक 6 सदस्यों के बीच सम्पन्न हुई जिसमें इस वर्ष रिवर्स रेपो रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया गया. रिवर्स रेपो रेट अभी अभी 3.35 फीसदी है.
सेंट्रल बैंक को उम्मीद है महंगाई कम होगी
रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के साथ साथ पॉलिसी स्टान्स में बदलाव नहीं किया गया है. इस फैसले से यह बात तो साफ हो गई है कि अभी ब्याज की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. गवर्नर दास के अनुसार रिजर्व बैंक को आने वाले समय में महंगाई के मोर्चे पर काफी राहत मिलेगी. ऐसा हुआ तो सेंट्रल बैंक की तरफ से महंगाई की अपेक्षा इकोनॉमी को प्राथमिकता देने की रणनीति आगे भी बरकरार रखी जा सकती है.