NCERT ने Periodic Table वाला चैप्टर हटा दिया! बच्चे Chemistry कैसे पढ़ेंगे?
NCERT Periodic Table: बिना पीरिऑडिक टेबल के केमेस्ट्री कैसे पढ़ी जा सकती है?
NCERT Periodic Table: NCERT ने एक बार फिर से अपने सैलेबस में बदलाव किया है. इस बार हिस्ट्री नहीं केमेस्ट्री की किताब से बहुत बड़ा टॉपिक हटा दिया है जिसके बिना रसायनशास्त्र की कल्पना करना भी मुश्किल है. NCERT ने साइंस की किताब से पीरियॉडिक टेबल (Periodic Table) वाला चैप्टर स्थायी रूप से हटाने का फैसला लिया है. जाहिर है इस निर्णय से बच्चे बहुत खुश हुए होंगे लेकिन शिक्षक इसका विरोध करने लगे हैं.
NCERT ने Periodic Table हटा देने का कोई सॉलिड रीजन नहीं दिया है. सिर्फ इतना कहा है कि कोरोना काल के दौरान नहीं पढ़ाया जा रहा था. उस वक्त सिलेबस में कुछ कमी की गई थी. इस वजह से इन्हें अब हटाने का फैसला लिया गया है.
Periodic Table बोले तो केमेस्ट्री का सबसे पकाऊ, लंबा, कठिन लेकिन सबसे जरूरी चैप्टर है. अब इसका किताब से परमानेंट 'सफाया' कर दिया गया है. इससे पहले NCERT इन कक्षाओं की किताबों से चार्ल्स डार्विन की एवोल्यूशन थ्योरी का चैप्टर हटा चुकी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘एवोल्यूशन एंड हेरिडिटी’ नामक चैप्टर का नाम बदलकर अब ‘हेरिडिटी’ कर दिया गया है.
शिक्षक विरोध करने लगे
NCERT के इस फैसले से इंडियन और विदेशी शिक्षक नाराज हो गए हैं. ब्रिटिश बायोलॉजिस्ट और चर्चित किताब ‘द सेल्फ़िश जीन’ के लेखक रिचर्ड डॉकिन्स ने एक ट्वीट में कहा,
“मोदी की बीजेपी भारत की धर्मनिरपेक्ष शुरुआत के लिए एक दुखद अपमान है. हिंदू धर्म भी इस्लाम की तरह हास्यास्पद है. इन दोनों दखियानूसी धर्मों ने नेहरू और गांधी के आदर्शों से गद्दारी की है.”
अब पीरियाडिक टेबल हटाने पर मोदी, हिन्दू-मुस्लिम जैसी बातें क्यों हो रही हैं ये खुद रिचर्ड डॉकिन्स जानें
वहीं ब्रिटेन स्थित फॉरेंसिक मानव विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर नम्रता दत्ता ने कहा- “भारत में स्कूली बच्चों को अब एवोल्यूशन एंड पीरियॉडिक टेबल जैसे चैप्टर नहीं पढ़ाए जाएंगे. इन चैप्टरों को 11 से 18 साल के छात्रों को पढ़ाई जाने वाली किताबों से हटा दिया गया है. NCERT ने अब तक इसके पीछे कोई भी कारण नहीं बताया है.”