करोड़ों पॉलिसी धारको को झटका! इंश्योरेंस कंपनियों ने ग्रुप इंश्योरेंस के प्रीमियम में 10-15% तक बढ़ोतरी करने का लिया फैसला
अगर आपने ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (group term life insurance policy)ले रखी है तो आपके लिए बुरी खबर है।
अगर आपने ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (group term life insurance policy)ले रखी है तो आपके लिए बुरी खबर है। यानी आपने टर्म लाइफ इंश्योरेंस अपने एंप्लॉयर की ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए लिया है, तो जल्द आपकी होम टेक होम सैलेरी कम हो सकती है। ग्रुप इंश्योरेंस के प्रीमियम में अधिकतर कंपनियों ने 10-15% तक बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है।
ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस (group term life insurance)
ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी एक काॅन्टैक्ट के तहत कई व्यक्तियों को कवर करती है। इसमें सबसे कॉमन समूह है एक कंपनी है, जहां एंप्लॉयर को कांट्रेक्ट जारी किया जाता है। उसके बाद कर्मचारी के बेनिफिट के रूप में ऑफर किया जाता है। एंप्लॉयर आमतौर पर ग्रुप बीमा कवरेज का एक बेस लेवल फ्री में देते हैं, जिसमें सप्लीमेंटल कवरेज के साथ-साथ कर्मचारियों के जीवनसाथी और बच्चों के लिए कवरेज लेने का ऑप्शन होता है।
लॉस रेश्यो में बढ़ोतरी हुई
मेडिकल इंफ्लेशन और कोविड से जुड़े क्लेम में लगातार बढ़ोतरी से ग्रुप मेडिक्लेम पर दबाव बढ़ता जा रहा है। कंपनियों के लॉस रेश्यो में पिछले कुछ समय से काफी बढ़ोतरी हो गई है। ग्रुप मेडिक्लेम में 70 फीसदी हिस्सा सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के पास है।
कर्मचारियों की सैलरी पर असर
कंपनीयों की तरफ से बढ़ाए गए प्रीमियम से उन कर्मचारियों की सैलरी पर असर होगा, जिनकी सैलरी से इन दोनों या किसी एक पॉलिसी के प्रीमियम की कटौती होती है। प्रीमियम में 10 से 15% की बढ़ोतरी होने पर कंपनियों को अधिक पैसे देने पड़ेंगे। अगर यह प्रीमियम आपकी सैलरी से कटता है तो सीधा असर टेक होम सैलेरी पर पड़ता है।