HLL Privatisation: जल्द ही एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड भी जाएगी निजी हाथों में
Privatisation: एचएलएल को खरीदने के लिए पिरामल ग्रुप व अडानी ग्रुप (Adani Group) ने अधिक रुचि दिखाई है।
HLL Privatisation: देश में लगातार एक के बाद एक सरकारी कंपनियों का तेजी से निजीकरण(Privatisation) किया जा रहा है। एयर इंडिया के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार (BJP Government) एक और सरकारी कंपनी को बेचने का फैसला ले रही है। अब प्राइवेट हाथों में एचएलएल लाइफकेयर (HLL Lifecare) की कमान भी सौंपी जा रही है। इसके लिए सरकार को बोली भी मिलने लगी है।
वित्तीय बोलियों के आधार पर किया जाएगा विजेता का चयन:
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि अभी ड्यू डिलिजेंस जारी है और विजेता के चयन की प्रक्रिनया वित्तीय बोलियों के आधार पर की जाएंगी। जानकारों के अनुसार, लेन-देन सलाहकार उनका मूल्यांकन कर रहे हैं, एचएलएल को खरीदने के लिए पिरामल ग्रुप अडानी ग्रुप (Adani Group) ने अधिक रुचि दिखाई है। गौरतलब है कि 14 दिसंबर और स्वास्थ्य क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम में सरकार की 100% हिस्सेदारी बिक्री के लिए शुरुआती बोलियां मांगी थी।
निजी हाथों में जाएगी एचएलएल लाइफकेयर:
एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड अब निजी हाथों में चली जाएगी यानी सरकार अपनी एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी (Share) बेच रही है। इस कंपनी के खरीदारों की बोली आना भी शुरू हो गई है। भारतीय कंपनी समूह अडानी ग्रुप और पिरामल हेल्थकेयर सार्वजनिक क्षेत्र की दवा कंपनी, एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को खरीदने के लिए दौड़ लगा रहे हैं।
खरीदने के लिए इन्होंने दिखाई अधिक रुचि:
अपोलो ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स और मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, पिरामल ग्रुप, अडानी ग्रुप सहित बोली दाताओं से एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड के लिए वित्तीय बोलियां मांगी जाएंगी। सरकार इसे बेचने के लिए बोली मंगवाएगी। यानी इसकी पूरी प्रक्रिया बोलियों के आधार पर ही होगी।