देश में इस हाईवे पर बनेंगे 4 छोटे जंगल, होने जा रहा बड़ा प्रयोग, ₹9000 करोड़ की लागत से बन रहा ये प्रोजेक्ट
देश में एक ओर जहां तेजी से निर्माण कार्य हो रहे हैं वही पर्यावरण को मजबूत करने पर भी फोकस किया जा रहा है।
Dwarka Expressway: देश में एक ओर जहां तेजी से निर्माण कार्य हो रहे हैं वही पर्यावरण को मजबूत करने पर भी फोकस किया जा रहा है। नेशनल हाईवे 48 पर हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी शुरुआत की जा रही है। हम बात कर रहे हैं मियावाकी तकनीकी। इसकी शुरुआत जापानी वनस्पति शास्त्री अकीरा मियावाकी द्वारा किया गया था। आज इसका उपयोग विश्व भर में किया जाने लगा है। एनएच48 में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए मियावाकी तकनीक के जरिए चार छोटे जंगल विकसित किए जाने की योजना है।
कहां विकसित होगा यह जंगल National Highways Authority of India | mini amazon forests on Gurugram cloverleaf
महिपालपुर से गुरुग्राम स्थित खेड़की दौला को जोड़ने के लिए इसे तैयार किया जा रहा है। बताया गया है कि द्वारिका एक्सप्रेस-वे का निर्माण का आखरी चरण में है। एक्सप्रेस वे में बजघेड़ा से एनएच 48 (mini amazon on NH 48) पर क्लोवर लीव पर चार छोटे जंगल विकसित किए जाएंगे।
क्या है यह तकनीकी National Highways Authority of India
मियावाकी तकनीकी को सरल शब्दों में समझने के लिए कहा गया है कि यह एक छोटे स्थान पर हरा भरा जंगल विकसित करने की प्रक्रिया है। जहां स्थानिक प्रजाति के पौधों पर जोर दिया जाता है। इसका प्रयोग हाईवे के साथ ही खाली पड़े छोटे-छोटे उन स्थानों पर किया जा सकता है जहां पर घनी आबादी है।
मियावाकी तकनीक में खराब भूमि को उपयोग किया जा सकता है। साथ ही बताया गया है कि कार्बन को अलग करके जय विविधता को बढ़ावा देने और शहरी क्षेत्र में हरे भरे अस्थान विकसित करने के लिए यह दुनिया भर में लोकप्रिय है।
क्षेत्र में पेड़ पौधे सघन रूप से लगाए जाते हैं जिससे जंगल जल्दी से स्थापित हो जाए। साथ ही बताया गया है कि एक छोटे क्षेत्र में देशी पौधों की प्रजातियों को विकसित किया जा सकता है।