एमपी का एक ऐसा गांव जहां हर घर में है गोबर गैस का प्लांट
MP News: मध्यप्रदेश में एक ऐसा गांव जहां हर घर में गोबर गैस प्लांट है। रसोई गैस के मामले में यह गांव पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया है। इसके साथ ही यहां का हर किसान जैविक खेती कर रहा है।
मध्यप्रदेश में एक ऐसा गांव जहां हर घर में गोबर गैस प्लांट है। रसोई गैस के मामले में यह गांव पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया है। इसके साथ ही यहां का हर किसान जैविक खेती कर रहा है। हर घर में पशु पाए जाते हैं जिससे गोबर की आवश्यकता की पूर्ति होती है। गोबर गैस प्लांट से जैविक खेती के लिए खाद भी मिलती है। यहां के कई ग्रामीणों द्वारा उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन भी लिए गए हैं।
रसाई गैस के मामले में यह गांव आत्मनिर्भर
एमपी के शहडोल जिला अंतर्गत सोहागपुर की ग्राम पंचायत खेतौली का उमरटोला गांव रसोई गैस के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया है। यहां के हर घर में गोबर गैस का प्लांट व पशुधन पाए जाते हैं। यहां की जनसंख्या लगभग 12सौ है। उमरटोला में अधिकांश आदिवासी परिवार व किसान परिवार रहते है।। यहां लगभग 175 गैस संयंत्र लगे हुए हैं। जिनके माध्यम से अब सभी के घरों में गोबर गैसे ही खाना पकाने का कार्य किया जाता है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव में सबसे पहले दस साल पूर्व गोबर गैस प्लांट लगा था। जिसके लाभ से ग्रामीण अवगत हुए और धीरे-धीरे सभी ने गोबर गैस प्लांट लगवा लिया। इस प्लांट से निकलने वाली स्लरी से जैविक खाद तैयार किया जाता है जिसका खेत में ग्रामीण उपयोग कर रहे हैं। जैविक खाद का उपयोग होने से खेती को भी अच्छा खासा लाभ पहुंचा है।
प्लांट लगाने में कृषि विभाग ने की मदद
कृषि विभाग के माध्यम से गांव के कई लोगों ने गैस संयंत्र लगवाया। अब शहडोल के उमरटोला गांव के हर घर में इसी का उपयोग किया जा रहा है। गोबर गैस से रसोई का चूल्हा जल रहा है। गोबर गैस संयंत्र की लागत लगभग 16 हजार रुपए बताई गई है। गांव के लोग अब रसोई गैस के मामले में आत्मनिर्भर हो गए हैं। शहडोल के पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी अखिलेश नामदेव के मुताबिक उनका यह कार्य क्षेत्र रहा है। उनके द्वारा भी ग्रामीणों को गोबर गैस संयंत्र लगाने के लिए प्रेरित किया गया। जिससे ग्रामीण धीरे-धीरे आगे आते गए और अब इस गांव के हर घर में गोबर गैस प्लांट है।
इनका कहना है
इस संबंध में संयुक्त संचालक कृषि जेएस पंद्राम के मुताबिक शहडोल जिले के ग्राम पंचायत खेतौली के उमरटोला में ग्रामीण अब गोबर गैस संयंत्र का उपयोग कर रहे हैं। यहां के अधिकांश घरों में प्लांट लगे हुए हैं। यहां की महिलाएं गोबर गैस से ही चूल्हा जला रही हैं। इसके साथ ही गोबर गैस प्लांट से जैविक खेती के लिए उनको खाद भी मिल जाती है।