एमपी के खंडवा में हजारों की संख्या में मधुमक्खियों ने किया हमला, चिकित्सकों ने तीन दिन निकाले डंक

खंडवा के एक किसान पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। हजारों की संख्या में मधुमक्खियां उस पर डंक मार रही थीं और वह जान बचाने के लिए भाग रहा था।

Update: 2022-12-13 07:57 GMT

खंडवा के एक किसान पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। हजारों की संख्या में मधुमक्खियां उस पर डंक मार रही थीं और वह जान बचाने के लिए भाग रहा था। किसी तरह भागकर वह घर पहुंचा तब जाकर मधुमक्खियों ने उसका पीछा छोड़ा। किन्तु तब तक मधुमक्खियों के हजारों डंक उसके शरीर में प्रवेश हो चुके थे।

डंक निकालने में लगे 72 घंटे

घटना खंडवा जिले के मूंदी गांव की है। किसान अविनाश मालवीय 29 वर्ष 11 नवंबर को अपने खेत में गए हुए थे। इसी दौरान महुआ के पेड़ पर बने छत्ते से निकली मधुमक्खियों ने उस पर हमला कर दिया। जिसके बाद उसके पूरे शरीर लहूलुहान होने के साथ ही सूजन आ गया। प्रारंभिक इलाज के बाद उसे इंदौर के एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इस दौरान चिकित्सकों को मधुमक्खियों के डंक निकालने में लगभग 72 घंटे का समय लग गया। एक-एक डंक जब निकाले जा रहे थे तब ऑपरेशन थिएटर चीख से गूंज रहा था। चिकित्सकों की मानें तो मरीज का लिवर तक फेल होने लगा। पूरे शरीर में इतनी सूजन हो गई कि यूरिन पूरी तरह से बंद हो गई। डब्ल्यूबीसी में इतना इन्फेक्शन था कि शायद ही किसी मेडिकल लिटरेचर में बताया गया हो। आखिरकार चिकित्सकों का मेहनत रंग लाई और अब किसान पूरी तरह स्वस्थ है।

चिकित्सकों ने बताया दुर्लभ केस

अस्पताल के चिकित्सकों की मानें तो युवक के पूरे शरीर में सूजन और कई सारे घाव थे। गंभीर हालत में उसे आईसीयू में एडमिट किया गया। चिकित्सकों की मानें तो इस प्रकार के मामले अपने आप में बहुत ही दुर्लभ होते हैं। जब हजारों की संख्या में मधुमक्खियां किसी पर हमला करती हैं तो व्यक्ति के बचने की संभावना शून्य रहती है। समय पर उपचार मिलने से ही पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। आमतौर पर एक-दो डंक में ही इंसान तिलमिला जाता है। मरीज के परिजनों की सूझबूझ, उसे समय पर अस्पताल लाने एवं उसका विल पावर मजबूत होने के साथ ही चिकित्सकों के उपचार से मरीज की जान बचाई गई। चिकित्सकों की मानें तो एक मधुमक्खी मनुष्य में 120 से 150 माइक्रोग्राम टॉक्सिन इंजेक्ट करती हैं। ऐसे में 400 से 500 की संख्या में मधुमक्खियां हमला कर दें तो मनुष्य के शरीर में इतना टॉक्सिन इंजेक्ट हो जाता है कि व्यक्ति को बचाना मुश्किल हो जाता है।

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