MP Board में हो सकता है बड़ा बदलाव, छात्रों को देनी होगी वर्ष में दो बार परीक्षा
एमपी बोर्ड (MP Board) भी अब सेमेस्टर सिस्टम (Semester System) कर सकता है लागू
MP Board News: एमपी बोर्ड (MP Board) भी अब सेमेस्टर सिस्टम (Semester System) लागू करने को लेकर विचार करना शुरू कर दिया है और जल्द इस पर निणर्य लिया जा सकता है। दरअसल सीबीएसई की तर्ज पर ही एमपी बोर्ड भी यह सिस्टम लागू करने की तैयारी में है। जिससे बच्चों पर पढ़ाई को लेकर हो रहे तनाव कुछ हद तक कम किया जा सके।
दरअसल नई शिक्षा नीति (MP New Education System) को लेकर एक दो दिवसीय संगोष्ठी भोपाल (Bhopal) के मिंटो हॉल में आयोजित की गई थी। जिसमें माध्यमिक शिक्षा मंडल (Madhya Pradesh Board of Secondary Education) के सचिव उमेश कुमार सिंह (Umesh Kumar Singh) ने इस बात के संकेत दिए है। उन्होने कहां है कि शिक्षा में बदलांव एवं समेस्टर प्रणाली को लेकर विचार किया जा रहा है।
दो सेमेस्टर पर विचार
सचिव श्री सिंह के अनुसार हिमाचल प्रदेश में चार सेमेस्टर प्रणाली लागू है। यह प्रणाली तो लागू नही की जा सकती है, लेकिन दो सेमेस्टर प्रणाली लागू करने को लेकर विचार चल रहा है। उन्होने कहां कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसका फायदा ये होगा कि साइंस के स्टूडेंट अन्य विषयों कला कौशल के विषयों को भी साथ में अध्ययन कर सकते हैं।
पूरे देश में एक जैसी हो शिक्षा
सेमीनार में शामिल अन्य लोगो का कहना था कि पूरे भारत में शिक्षा का स्तर एक जैसा हो एवं वर्तमान भावी पीढ़ी को उक्त नवीन शिक्षा नीति से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। माशिम ने नई शिक्षा नीति के तहत कुछ बदलाव भी किए हैं और आगामी समय में बदलाव करने जा रही है।
इन्होने शिक्षा नीति पर रखी बात
सेमिनार में सभी बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव नई शिक्षा नीति में किए जा रहे बदलाव पर अपने विचार रखें। साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने अपने-अपने बोर्ड में क्या बदलाव किए हैं। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए किस प्रकार की शिक्षा दी जाए। इसके अलावा विद्यार्थियों की परीक्षा स्तर पर कैसा रहेगा। प्रश्नपत्रों के पैटर्न में क्या बदलाव किया जा सकता है।
MP Board New Changes: इस तरह के बदलाव की संभावना
- ओपन बुक पद्धति और आनलाइन परीक्षा की संभावना है।
- दो सेमेस्टर प्रणाली हो सकती है लागू।
- साइंस के स्टूडेंट आर्ट के विषयों जैसे म्यूजिक या पेंटिंग को भी साथ में ले सकते हैं।
- कौशल विकास आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाएगा।
- वस्तुनिष्ट प्रश्नों की संख्या अधिक होगी।
- कांसेप्ट बेस्ट प्रश्नों को तैयार किया जाएगा।