MP Transfer Policy 2023: एमपी में 25 अप्रैल से हो सकते हैं धड़ाधड़ तबादले, 40000 अधिकारी-कर्मचारी होंगे इधर से उधर

MP News: मध्यप्रदेश में इस वर्ष चुनावी साल होने के कारण पूरे प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को इधर से उधर किया जाएगा। जिसके लिए प्लान भी लगभग बनकर तैयार हो चुका है।

Update: 2023-04-08 10:15 GMT

मध्यप्रदेश में इस वर्ष चुनावी साल होने के कारण पूरे प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को इधर से उधर किया जाएगा। जिसके लिए प्लान भी लगभग बनकर तैयार हो चुका है। प्रदेश सरकार 25 अप्रैल से सरकारी कर्मियों के तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाने की तैयारी कर ली। जिसके लिए नई नीति भी बना ली गई है। इसको कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही एमपी में धड़ाधड़ अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले प्रारंभ हो जाएंगे। कैबिनेट बैठक इसी माह होने वाली है जिसके बाद प्रदेश के लगभग 35 से 40 हजार अधिकारी, कर्मचारी इधर से उधर किए जा सकते हैं।

25 मई तक चलेगा तबादलों का दौर

एमपी में तबादला नीति बनकर लगभग तैयार है। जिसको कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। संभवतः इसी माह होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी भी मिल सकती है। जिसके बाद तबादलों पर लगा प्रतिबंध 25 अप्रैल से एक महीने के लिए हटने की संभावना है। एमपी में तबादलों का क्रम एक महीने यानी 25 मई तक चलता रहेगा। सूत्रों की मानें तो तबादला नीति जल्द लागू करने के लिए मंत्रियों और विधायकों का सरकार पर दबाव है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस बार एक महीने के अंतराल में प्रदेश के 35 से 40 हजार अधिकारी, कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे। वर्ष 2021 में 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच तबादलों पर बैन हटाया गया था। जबकि वर्ष 2022 में 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक तबादलों का दौर चला था। जिसमें अधिकारियों, कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया था।

तबादलों में विभागीय और प्रभारी मंत्रियों का रहेगा दबदबा

मध्यप्रदेश में होने वाले तबादलों में विभागीय और प्रभारी मंत्रियों का दबदबा रहेगा। तबादलों की प्रस्तावित नीति के अनुसार राज्य संवर्ग के अंतर्गत विभागाध्यक्ष तथा उपक्रमों में पदस्थ प्रथम श्रेणी के अफसर का तबादला समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया जाएगा। सरकारी विभागों में पदस्थ प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के ट्रांसफर विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव जारी करेंगे। जबकि जिला संवर्ग में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के पश्चात किया जा सकेगा। विभागीय जिला अधिकारी द्वारा इनके आदेश जारी किए जा सकेंगे।

वन, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग में होंगे सर्वाधिक तबादले

तीन विभागों में इस बार सर्वाधिक तबादले होने की उम्मीद है। जिसमें वन, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक वन विभाग में 4000 से 5000 के बीच कर्मचारियों के तबादले हो सकते हैं। जिसमें रेंजर से लेकर निचले स्तर तक के अफसर होंगे। राजस्व विभाग में पटवारियों सकेत अन्य कर्मचारियों के 3000 से 4000 के बीच तबादले किए जा सकेंगे। इसके साथ ही लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में डॉक्टर, कंपाउंडर, नर्सिंग एवं अन्य स्टाफ के ट्रांसफर 4000 से 5000 के बीच हो सकेंगे।

इन विभागों के कर्मचारी भी होंगे इधर से उधर

एमपी में तबादला नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग में 6000 से 10 हजार अफसरों व कर्मचारियों के तबादले होने की संभावना है। वहीं तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक संचालक, उप संचालक और एसएलआर संवर्ग में तबादलों की संख्या 100 से 200 के बीच होगी। उच्च शिक्षा विभाग में प्रोफेसरों और सहायक प्राध्यापकों और अन्य कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों के ट्रांसफर की संख्या 3 से 4 हजार होगी। इसके साथ ही खाद्य एवं नापतौल विभाग में नापतौल निरीक्षक, खाद्य निरीक्षक, उप पंजीयकों के संवर्ग में 40 से ज्यादा तबादले नहीं होंगे। वहीं अन्य विभागों में कुल 10 हजार अधिकारी, कर्मचारी इधर से उधर किए जा सकते हैं।

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