शहीद की पत्नी और बच्चे अनुकंपा नियुक्ति के लिए 15 साल से लगा रहे चक्कर मुख्यमंत्री के रीवा आने पर सुनाई अपनी पीड़ा...
शहीद की पत्नी और बच्चे अनुकंपा नियुक्ति के लिए 15 साल से लगा रहे चक्कर मुख्यमंत्री के रीवा आने पर सुनाई अपनी पीड़ा... रीवा। सिरमौर थाना अंतर्गत लाल गांव
शहीद की पत्नी और बच्चे अनुकंपा नियुक्ति के लिए 15 साल से लगा रहे चक्कर मुख्यमंत्री के रीवा आने पर सुनाई अपनी पीड़ा…
रीवा। सिरमौर थाना अंतर्गत लाल गांव निवासी ग्राम पोस्ट क्योटी शहीद जवान उमेश शुक्ला माओवाद से लड़ते हुए 2006 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शहीद हो गए थे जो। अब बेटी ज्योति शुक्ला जिसकी उम्र 20 वर्ष पार कर चुकी है जो की बीएससी की फाइनल की छात्रा है।
पीड़ित के घर परिवार में कमाने वाला कोई ना होने के कारण आर्थिक रूप से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित परिवार की ओर से बच्ची के लिए अनुकंपा नियुक्ति के लिए नौकरी चाही गई, अभी तक पीड़ित परिवार को किसी भी प्रकार की नौकरी नहीं दी गई है।
स्थानीय राजनेताओं के द्वारा सिर्फ झूठा आश्वासन दिया गया है। अभी तक पीड़ित परिवार दर-दर ठोकरें खा रहा है। अपनी पीड़ा को लेकर आज पीड़ित परिवार घर से शहीद जवान की पत्नी वह बच्ची मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा बताई जिस पर प्रदेश के मुखिया ने केवल आश्वासन दिया पीड़ित परिवार की मांग है कि जिले में कई ऐसे रिक्त पद हैं जिनमें उनकी नियुक्ति हो सकती हैं जिसको लेकर आज प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से पुन: अपनी पीड़ा बताते हुए मांग की है कि जिस प्रकार से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सम्मान निधि दी गई है ।
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ठीक उसी तरह शहीद परिवार के परिजनों को भी दिया जाए ।जिस से प्रार्थी एवं उसका परिवार का भरण-पोषण हो सके । शहीद उमेश शुक्ला के परिवार में उनकी पत्नी , वृद्ध माता पिता एवं सास-ससुर जो कि 80 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं परिवार में कमाने वाला कोई भी नही है। मुख्यमंत्री से पीड़ित ने मदद की गुहार लगाई लेकिन मुख्यमंत्री ने झूठा भरोसा दे कर चले गए।
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